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PM Modi मंगलवार को सतर्कता पर राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सतर्कता (विजिलेंस) जागरूकता सप्ताह के दौरान मंगलवार को सतर्कता और भ्रष्टाचार विरोधी राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करेंगे। मोदी शाम 5 बजे कार्यक्रम को संबोधित करेंगे और इसका लाइव वेबकास्ट होगा। सभी संगठनों को सलाह दी गई है कि वे कोविड-19 रोकथाम के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करें जैसे कि मास्क पहनना,
PM Modi मंगलवार को सतर्कता पर राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सतर्कता (विजिलेंस) जागरूकता सप्ताह के दौरान मंगलवार को सतर्कता और भ्रष्टाचार विरोधी राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करेंगे। मोदी शाम 5 बजे कार्यक्रम को संबोधित करेंगे और इसका लाइव वेबकास्ट होगा। सभी संगठनों को सलाह दी गई है कि वे कोविड-19 रोकथाम के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करें जैसे कि मास्क पहनना, ‘दो गज की दूरी’ रखना और अपने हाथों को धोना।

इसके अलावा, सभी संगठनों को वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आर्थिक उपायों का सख्ती से पालन करने के लिए निर्देश दिया गया है। इस आयोजन की मेजबानी मंगलवार से गुरुवार तक केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की जा रही है।

केंद्रीय सतर्कता आयोग 27 अक्टूबर से 2 नवंबर तक सतर्कता जागरूकता सप्ताह मनाता है। यह सप्ताह के दौरान हर साल मनाया जाता है जिसमें सरदार वल्लभभाई पटेल (31 अक्टूबर) का जन्मदिन पड़ता है। यह जागरूकता सप्ताह अभियान नागरिक भागीदारी के माध्यम से सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।

2020 में, सतर्कता जागरूकता सप्ताह 27 अक्टूबर से 2 नवंबर, 2020 तक ‘सतर्क भारत, समृद्धि भारत’ थीम के साथ मनाया जा रहा है।

कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने कहा, “आयोग का मानना है कि भ्रष्टाचार राष्ट्र की प्रगति में बड़ी बाधा है। हमारे राष्ट्रीय जीवन के सभी पहलुओं में इमानदारी बनाए रखने के लिए समाज के सभी वर्गों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।”

आयोग चाहता है कि सभी संगठन आंतरिक (हाउसकीपिंग) गतिविधियों पर ध्यान दे, जिन्हें इस वर्ष सतर्कता जागरूकता सप्ताह के अभियान में जोड़ा गया है। इसमें आंतरिक प्रक्रियाओं में सुधार, काम के समयबद्ध निपटान और प्रणालीगत सुधार का लाभ उठाना शामिल है।

यह सभी प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाने पर जोर देता है, जिसमें आउटसोर्स कर्मचारियों को भुगतान, मकान आवंटन, भू-अभिलेख सहित परिसंपत्तियों का डिजिटलीकरण और निर्धारित प्रक्रियाओं और मौजूदा नियमों का पालन करते हुए पुराने रिकॉडरें को बाहर निकालना शामिल है।

न्यूज स्त्रोत आइएएनएस

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