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नवरात्रि से पहले इन बातों का रखें विशेष ध्यान

29 सितंबर नवरात्रि के प्रारंभ के साथ ही देवी मां का आगमन भी हो जाएगा। मां के आगमन की तैयारी को लेकर वास्तु विज्ञान में कुछ खास नियम बताए गए हैं इसके मुताबिक हर देवी देवताओं की अपनी अलग दिशाएं होती हैं देवी देवताओं के लिए जो दिशा निर्धारित हो, उनकी पूजा अर्चना उसी दिशा में ही होना चाहिए। तो उसका फल पूर्ण रूप से मनुष्य को प्राप्त होता हैं।
नवरात्रि से पहले इन बातों का रखें विशेष ध्यान

आपको बता दें, हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व को बहुत ही खास माना जाता हैं इस पर्व में देवी मां दुर्गा के नौ स्वरूप की पूजा अर्चना पूरे विधि विधान के साथ की जाती हैं वही 29 सितंबर नवरात्रि के प्रारंभ के साथ ही देवी मां का आगमन भी हो जाएगा। मां के आगमन की तैयारी को लेकर वास्तु विज्ञान में कुछ खास नियम बताए गए हैं इसके मुताबिक हर देवी देवताओं की अपनी अलग दिशाएं होती हैं देवी देवताओं के लिए जो दिशा निर्धारित हो, उनकी पूजा अर्चना उसी दिशा में ही होना चाहिए। तो उसका फल पूर्ण रूप से मनुष्य को प्राप्त होता हैं।नवरात्रि से पहले इन बातों का रखें विशेष ध्यान

वही पूर्व दिशा की ओर मुख करके देवी मां का ध्यान पूजन करने से व्यक्ति की चेतना जागृत होती हैं जबकि दक्षिण दिशा की ओर मुख करे पूजा अर्चना करने से मानसिक शांति प्राप्त होती हैं और व्यक्ति का सीधा जुड़ाप माता से ही होता हैं। वही वास्तुशास्त्र के मुताबिक देवी मां के कमरे में हल्का पीला, हरा या फिर गुलाबी रंग होना चाहिए

नवरात्रि से पहले इन बातों का रखें विशेष ध्यान

क्योंकि इससे पूजा कख में सकारात्मक शक्ति का संचार होता रहता हैं वही घर के उत्तर पूर्व दिशा में प्लास्टिक या लकड़ी से बने पिरामिड रख सकते हैं तो ऐसा करने से पूजा करते वक्त ध्यान नहीं भटकेगा। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि पिरामिड नीचे से खोखला हो।नवरात्रि से पहले इन बातों का रखें विशेष ध्यान

वही पूजन शुरू करने से पहले स्वास्तिक जरूर बनाएं। वही वास्तुशास्त्र के प्राचीन ग्रंथों में मंदिरों और घरों में किसी भी शुभ काम को करने से पूर्व हल्दी से या फिर सिंदूर से स्वातिस्क का प्रतीक चिन्ह बनाए जाने का नियम होता हैं। वही देवी मां की पूजा पूरे विधि विधान के साथ की जाए तो व्यक्ति को इसका पूर्ण लाभ अवश्य ही प्राप्त होता हैं।नवरात्रि से पहले इन बातों का रखें विशेष ध्यान

29 सितंबर नवरात्रि के प्रारंभ के साथ ही देवी मां का आगमन भी हो जाएगा। मां के आगमन की तैयारी को लेकर वास्तु विज्ञान में कुछ खास नियम बताए गए हैं इसके मुताबिक हर देवी देवताओं की अपनी अलग दिशाएं होती हैं देवी देवताओं के लिए जो दिशा निर्धारित हो, उनकी पूजा अर्चना उसी दिशा में ही होना चाहिए। तो उसका फल पूर्ण रूप से मनुष्य को प्राप्त होता हैं। नवरात्रि से पहले इन बातों का रखें विशेष ध्यान

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