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Paush purnima 2021: किस दिन पड़ रही पौष पूर्णिमा, जानिए इसका धार्मिक महत्व

हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि को विशेष और पवित्र माना जाता हैं वही इस साल पौष मास की पूर्णिमा तिथि 28 जनवरी गुरुवार यानी की कल पड़ रही हैं धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस पूर्णिमा का महत्व अत्याधिक हैं मान्यता के मुताबिक इस दिन अगर कोई जातक व्रत करता है और गंगा स्नान करता है
Paush purnima 2021: किस दिन पड़ रही पौष पूर्णिमा, जानिए इसका धार्मिक महत्व

हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि को विशेष और पवित्र माना जाता हैं वही इस साल पौष मास की पूर्णिमा तिथि 28 जनवरी गुरुवार यानी की कल पड़ रही हैं धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस पूर्णिमा का महत्व अत्याधिक हैं मान्यता के मुताबिक इस दिन अगर कोई जातक व्रत करता है और गंगा स्नान करता है तो उसकी सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं इसके अलावा जातक के जन्म मरण के बंधन से भी मुक्ति मिल जाती हैं। Paush purnima 2021: किस दिन पड़ रही पौष पूर्णिमा, जानिए इसका धार्मिक महत्वऐसा कहा जाता है कि इस दिन गरीबों को अपनी इच्छा अनुसार दान करना चाहिए। इसके अलावा सूर्य देवता को जल भी देना शुभ होता हैं इस दिन प्रयागराज, काशी और हरिद्वार जैसे ​तीर्थ स्थानों पर गंगा स्नान किया जाता हैं और श्रद्धालुओं का मेला जैसे लग जाता हैं। तो आज हम आपको पौष पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।Paush purnima 2021: किस दिन पड़ रही पौष पूर्णिमा, जानिए इसका धार्मिक महत्व

जानिए पौष पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त—

पौष पूर्णिमा का आरंभ— 28 जनवरी, गुरुवार को रात 1 बजकर 18 मिनट से

पूर्णिमा का समापन— 29 जनवरी, शुक्रवार की रात 12 बजकर 47 मिनट परPaush purnima 2021: किस दिन पड़ रही पौष पूर्णिमा, जानिए इसका धार्मिक महत्वजानिए पौष पूर्णिमा का महत्व—
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक पौष मास को सूर्यदेवता का महीना कहा जाता हैं ऐसे में इस दिन सूर्य देवता की पूजा की जानी चाहिए। पूर्णिमा तिथि चंद्र देव की प्रिय मानी जाती हैं इस दिन विधि विधान के साथ पूजा करने से जातक जन्म मरण के बंधन से मुक्त हो जाता हैं साथ ही मोक्ष की प्राप्ति भी होती हैंPaush purnima 2021: किस दिन पड़ रही पौष पूर्णिमा, जानिए इसका धार्मिक महत्व इस दिन गंगा स्नान कर सूर्य देवता को जल दिया जाता हैं कहा जाता है कि पौष पूर्णिमा देवी दुर्गा के अवतार, देवी शाकम्भरी को भी समर्पित होती हैं माता के इस अवतार ने भुखमरी सूखे को मिटाने के लिए अवतार लिया था। इसलिए उन्हें वनस्पति की देवी के रूप में पूजा जाता हैं भक्त इस दिन देवी के इस रूप का श्रृंगार करते हैं पौष पूर्णिमा, पौष शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से शुरू होने वाली शाकम्भरी नवरात्रि के अंत का भी प्रतीक माना जाता हैं।Paush purnima 2021: किस दिन पड़ रही पौष पूर्णिमा, जानिए इसका धार्मिक महत्व

 

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