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पौष मास के व्रतों से मिलता हैं सौभाग्य का वरदान

पंचांग के नए मास पौष की शुरुवात 13 दिसंबर यानी की आज से हो गई हैं। जो 10 जनवरी तरह रहेगा। इस मास को सहस्य मास भी कहा जाता हैं। धनु की संक्रान्ति के कारण इस माह में भगवान की आराधना का विशेष महत्व बताया गया हैं। इस मास में पड़ने वाले व्रत करने से मनुष्य को सफलता, आरोग्य, संतान, सौभाग्य, सुख, सौन्दर्य आदि की प्राप्ति होती हैं।
पौष मास के व्रतों से मिलता हैं सौभाग्य का वरदान

हिंदू धर्म पंचांग के नए मास पौष की शुरुवात 13 दिसंबर यानी की आज से हो गई हैं। जो 10 जनवरी तरह रहेगा। इस मास को सहस्य मास भी कहा जाता हैं। धनु की संक्रान्ति के कारण इस माहस में भगवान की आराधना का विशेष महत्व बताया गया हैं।पौष मास के व्रतों से मिलता हैं सौभाग्य का वरदान इस मास में पड़ने वाले व्रत करने से मनुष्य को सफलता, आरोग्य, संतान, सौभाग्य, सुख, सौन्दर्य आदि की प्राप्ति होती हैं। तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं पौष मास से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें, तो आइए जानते हैं।पौष मास के व्रतों से मिलता हैं सौभाग्य का वरदान

आपको बता दें कि पौष मास में भगवान सूर्य देव की उपासना करना बहुत ही शुभ और फलदायी माना जात हैं यह माह भगवान भास्कर का महीना होता हैं। इस माह में कई सारे व्रत और त्योहार पड़ते हैं। वही इस माह में कृष्ण एकादशी भी मनाई जाएगी। इस दिन उपवास रहते हुए भगवान की पूजा आराधना की जाती हैं।पौष मास के व्रतों से मिलता हैं सौभाग्य का वरदान वही पौष मास की कृष्ण द्वादशी को सुरूपा द्वादशी कहा जाता हैं। इस दिन पुष्य नक्षत्र का योग विशेष फल देने वाला माना जाता हैं। वही पौष माह में पौष शुक्ल द्वितीया को आरोग्य के लिए आरोग्य व्रत करना शुभ माना जाता हैं। इस दिन गायों की सींगों को धोकर उसी जल से स्नान आदि करना चाहिए और श्वेत वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता हैं। वही सूर्यास्त के बाद द्वितीया के चन्द्रमा की विधिवत पूजा करें।पौष मास के व्रतों से मिलता हैं सौभाग्य का वरदान

पौष शुक्ल सप्तमी को मार्तण्ड सप्तमी कहा जाता हैं। इस सप्तमी को भगवान सूर्य के लिए हवन करें और गोदान करें। ऐसा करने से पूरे साल भर मनुष्य को उत्तर फल की प्राप्ति होती हैं।

पंचांग के नए मास पौष की शुरुवात 13 दिसंबर यानी की आज से हो गई हैं। जो 10 जनवरी तरह रहेगा। इस मास को सहस्य मास भी कहा जाता हैं। धनु की संक्रान्ति के कारण इस माह में भगवान की आराधना का विशेष महत्व बताया गया हैं। इस मास में पड़ने वाले व्रत करने से मनुष्य को सफलता, आरोग्य, संतान, सौभाग्य, सुख, सौन्दर्य आदि की प्राप्ति होती हैं। पौष मास के व्रतों से मिलता हैं सौभाग्य का वरदान

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