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पौष मास में व्रत पूजन करने सें बदलता है भाग्य

पंचांग के नए महीने कि शुरुआत शुक्रवार यानी आज से हो गई हैं। जो 10 जनवरी तक रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस महीने में उपवास करने से सफलता, आरोग्य, संतान सुख, सौभाग्य, सौन्दर्य आदि की प्राप्ति होती हैं। पौष कृष्ण अष्टमी के दिन श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन ब्राह्मणों को भोजन करवाना चाहिए।
पौष मास में व्रत पूजन करने सें बदलता है भाग्य

हिंदू धर्म में पौष मास को बहुत ही खास महत्व दिया गया हैं यह माह पूजा पाठ और व्रत के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता हैं वही पंचांग के नए महीने कि शुरुआत शुक्रवार यानी आज से हो गई हैं। जो 10 जनवरी तक रहेगा। पौष मास में व्रत पूजन करने सें बदलता है भाग्यधार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस महीने में उपवास करने से सफलता, आरोग्य, संतान सुख, सौभाग्य, सौन्दर्य आदि की प्राप्ति होती हैं। तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं पौस महीने में पड़ने वाले व्रत त्योहार और उनके महत्व के बारे में, तो आइए जानते हैं।पौष मास में व्रत पूजन करने सें बदलता है भाग्य

जानिए इस माह के व्रत त्योहार—

पौष कृष्ण अष्टमी—
पौष कृष्ण अष्टमी के दिन श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन ब्राह्माणों या गरीब लोगो को भोजन करवाना चाहिए। ऐसा करने से उत्तर फल की प्राप्ति मनुष्य को होती हैं।

पौष कृष्ण एकादशी—
पौश कृष्ण एकादशी के दिन उपवास करने से सभी कार्यों में मनुष्य को सफलता प्राप्त होती हैं। पौष शुक्ल एकादशी को पुत्रदा एकादशी भी कहा जाता हैं। इस व्रत को करने से पुत्र की प्राप्ति होती हैं। धार्मिक मान्यता के मुताबिक एकादशी के दिन चावल नहीं खाना चाहिए। एकादशी के दिन इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।पौष मास में व्रत पूजन करने सें बदलता है भाग्य

सुरूपा द्वादशी—
पौष मास की कृष्ण द्वादशी को सुरूपा द्वादशी कहा जाता हैं इस दिन उपवास करने से संतान, सौन्दर्य, सुख और सौभाग्य की प्राप्ति मनुष्य को होती हैं।

आरोग्य व्रत—
पौष शुक्ल द्वितीया के दिन आरोग्य व्रत रखा जाता हैं, इस दिन व्रत करने से सभी तरह के रोगों का नाश हो जाता हैं और आरोग्य की प्राप्ति होती हैं।पौष मास में व्रत पूजन करने सें बदलता है भाग्य

मार्तण्ड सप्तमी—
पौष शुक्ल सप्तमी को मार्तण्ड सप्तमी कहा जाता हैं इस दिन व्रत करने से सालभर अच्छे फल की प्राप्ति होती हैं।

पौष पूर्णिमा—
माघ स्नान की शुरुआत पौष पूर्णिमा से होती हैं, पौष पूर्णिमा के दिन उपवास और तीर्थ में स्नान करने से वैभव और दिव्यलोक की प्राप्ति होती हैं।

पंचांग के नए महीने कि शुरुआत शुक्रवार यानी आज से हो गई हैं। जो 10 जनवरी तक रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस महीने में उपवास करने से सफलता, आरोग्य, संतान सुख, सौभाग्य, सौन्दर्य आदि की प्राप्ति होती हैं। पौष कृष्ण अष्टमी के दिन श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन ब्राह्मणों को भोजन करवाना चाहिए। पौष मास में व्रत पूजन करने सें बदलता है भाग्य

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