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इस देश में भी है एक रामसेतु, सिर्फ 2 घंटे दर्शन देकर लेता है जल में समाधि

भगवान श्रीराम और उनकी वानर सेना ने लंका पर विजय पाई। रामायण में वर्णन है कि उसमें अनेक लोगों का योगदान था। कई योद्धाओं ने लंकापति रावण के विरुद्ध मोर्चा खोला था। उन सभी का परिणाम राम की महाविजय थी। परंतु इन सबके बीच हम रामसेतु की भूमिका को नजरअंदाज नहीं कर सकते। रामसेतु ही
इस देश में भी है एक रामसेतु, सिर्फ 2 घंटे दर्शन देकर लेता है जल में समाधि

भगवान श्रीराम और उनकी वानर सेना ने लंका पर विजय पाई। रामायण में वर्णन है कि उसमें अनेक लोगों का योगदान था। कई योद्धाओं ने लंकापति रावण के विरुद्ध मोर्चा खोला था। उन सभी का परिणाम राम की म​हाविजय थी। परंतु इन सबके बीच हम रामसेतु की भूमिका को नजरअंदाज नहीं कर सकते। रामसेतु ही वह माध्यम था जिसके जरिए राम की सेना लंका तक पहुंची थी। उस महाविजय को सेतु ने ही मुमकिन बनाया था। आज भी हिंदू धर्म में रामसेतु को अत्यंत पवित्र माना जाता है।

अद्भुत कुदरती शक्तियां

आपको यह जानकारी चकित कर देगी कि भारत से बहुत दूर एक और पुल है जिससे अद्भुत कुदरती शक्तियां जुड़ी हुई हैं। ये आपको रामसेतु की याद दिला देंगी। हालांकि यह पुल किसी पौराणिक घटना के लिए नहीं जाना जाता, लेकिन इसके साथ जिन प्राकृतिक शक्तियों का संबंध है, वह किसी आश्चर्य से कम नहीं है। इसे देखने के लिए दूर—दूर से अनेक लोग आते हैं।

यह एक पुलनुमा मार्ग है। ज्यादातर समय यह पानी में डूबा रहता है। सिर्फ दो घंटे के लिए ही यह बाहर आता है। यह पुल फ्रांस में स्थित है। इसका नाम पैसेज डू गोइस है। इसके नाम का अर्थ भी बहुत दिलचस्प है। फ्रेंच में इसका मतलब है — भीगे हुए जूतों के साथ किसी सड़क को पार करना। वास्तव में जब आप इस पुल से रास्ता तय करते हैं तो जूते गीले करने ही होंगे, क्योंकि यह पानी में डूबा रहता है।

खुलता है दो घंटे के लिए

यहां आप मनचाहे वक्त के मुताबिक रास्ता पार नहीं कर सकते। यह पुल सिर्फ दो घंटे के लिए खुलता है। इसके बाद दोबारा पानी में डूब जाता है। जब यह पानी से बाहर आता है, तब भी इस पर थोड़ा पानी अवश्य होता है।

दरअसल पुल के पानी में डूबने और दोबारा बाहर निकलने का कारण ज्वार—भाटा है। विज्ञान के इन नियमों के अनुसार पुल पानी में डूबता है। जब यहां जल स्तर कम होता है तो पुल पानी से बाहर आ जाता है।

कई लोग गंवा चुके जान

इसी खूबी के कारण यह पुल काफी चर्चा में भी रहता है। इसके साथ कई ऐतिहासिक आयोजनों का संबंध रहा है। वहीं कई लोग यहां आकर जान भी गंवा चुके हैं। उन्होंने रास्ता पार करने की कोशिश की। उसी दौरान जल स्तर बढ़ गया और वे डूब गए।

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