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किस दिन है परशुराम जयंती, जानिए मुहूर्त और पौराणिक कथा

हिंदू धर्म में परशुराम जयंती को विशेष पर्व माना गया हैं इस साल परशुराम जयंती 14 मई को मनाई जाएगी। पंचांग के मुताबिक प्रति वर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन परशुराम जयंती मनाई जाती हैं यह पावन दिन भगवान परशुराम का जन्मोत्सव हैं मान्यता है कि भगवान परशुराम जगत के
किस दिन है परशुराम जयंती, जानिए मुहूर्त और पौराणिक कथा

हिंदू धर्म में परशुराम जयंती को विशेष पर्व माना गया हैं इस साल परशुराम जयंती 14 मई को मनाई जाएगी। पंचांग के मुताबिक प्रति वर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन परशुराम जयंती मनाई जाती हैं यह पावन दिन भगवान परशुराम का जन्मोत्सव हैं किस दिन है परशुराम जयंती, जानिए मुहूर्त और पौराणिक कथामान्यता है कि भगवान परशुराम जगत के पालनहार श्री विष्णु के छठे अवतार हैं इस दिन विधिवत भगवान परशुराम की पूजा आराधना की जाती हैं तो आज हम आपके लिए इससे जुड़ी पौराणिक कथा लेकर आए हैं तो आइए जानते हैं।किस दिन है परशुराम जयंती, जानिए मुहूर्त और पौराणिक कथा

परशुराम जयंती मुहूर्त—
तृतीया तिथि आरंभ— 14 मई 2021 (सुबह 05:38)
तृतीया तिथि समाप्त— 15 मई 2021 (सुबह 07:59)किस दिन है परशुराम जयंती, जानिए मुहूर्त और पौराणिक कथा

पौराणिक कथा—
भगवान परशुराम का जन्म ब्राह्मण कुल में हुआ था। वे ​ऋषि जमदग्नि और माता रेणुका के पुत्र थे ऋषि जमदग्नि सप्त ऋषियों में से एक थे। कहा जाता हैं कि भगवान का जन्म छह उच्च ग्रहों के योग में हुआ था जिस कारण वे अति तेजस्वी, ओजस्वती और पराक्रमी थे। किस दिन है परशुराम जयंती, जानिए मुहूर्त और पौराणिक कथाएकबार अपने पिता की आज्ञा पर उन्होंने अपनी माता का सिर काट दिया था और बाद में माता को पुन जीवित करने के लिए उन्होंने पिता से वरदान भी मांग लिया था। मुनि ने आश्रम की चमत्कारी कामधेनु गाय के दूध से समस्त सैनिकों की भूख शांत की।किस दिन है परशुराम जयंती, जानिए मुहूर्त और पौराणिक कथा कामधेनु गाय के चमत्कार से प्रभावित होकर उसके मन में लालच पैदा हो गई इसके बाद जमदग्नि मुनि से कामधेनु गाय को उसने बलपूर्वक छीन लिया जब यह बात परशुराम जी को पता चली तो उन्होंन सहस्त्रार्जुन का वध कर दिया।किस दिन है परशुराम जयंती, जानिए मुहूर्त और पौराणिक कथा सहस्त्रार्जुन के पुत्रों ने बदला लेने के लिए परशुराम के पिता का वध कर दिया और पिता के वियोग में भगवान परशुराम की माता चिता पर सती हो गयी। पिता के शरीर पर 21 घाव को देखकर परशुराम ने प्रतिज्ञा ली कि वह इस धरती से समस्त क्षत्रिय वंश का संहार कर देंगे। इसके बाद पूरे 21 बार उन्होंने पृथ्वी से क्षत्रियों का विनाश कर अपनी प्रतिज्ञा को पूरा किया।किस दिन है परशुराम जयंती, जानिए मुहूर्त और पौराणिक कथा

 

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