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कलाई में दर्द की अनदेखी पड सकती है बहुत भारी

जयपुर । आज कल हम बहुत ज्यादा लेपटॉप कभी मोबाइल का इस्तेमाल किए रहते हैं मोबाइल तो जैसे हमारे जीवन का हिस्सा ऐसे बन गया है मानों उसके बिना हम जी ही नही पाएंगे 2 मिनिट के लिए इधर उधर हो क्या गया उसमें तो सबका जीना हराम कर देते हैं पर क्या आपको पता
कलाई में दर्द की अनदेखी पड सकती है बहुत भारी

जयपुर । आज कल हम बहुत ज्यादा लेपटॉप कभी मोबाइल का इस्तेमाल किए रहते हैं मोबाइल तो जैसे हमारे जीवन का हिस्सा ऐसे बन गया है मानों उसके बिना हम जी ही नही पाएंगे 2 मिनिट के लिए इधर  उधर  हो क्या गया उसमें तो सबका जीना हराम कर देते हैं पर क्या आपको पता है लगातार कंप्यूटर का लगातार प्रयोग करने के कारण अक्सर लोगों को कलाई में दर्द की परेशानी होने लगती है और हम उस परेशानी को अनदेखा कर कभी पेन किलर का सेवन कर लेते है कभी उस दर्द पर कोई खासा ध्यान नही देते ।

कलाई में दर्द की अनदेखी पड सकती है बहुत भारी

कलाई का दर्द कोई ऐसा वेसा दर्द नही होता यह दर्द आगे बढ़ कर आपको धीरे धीरे कोहनी तक होने लगता है इस दर्द के कुछ मुख्य कारण हो सकते हैं पर यह इस बारे में हमको कोई जानकारी नही होती और इसके सभी कारण टालने योग्य नही होते इन सभी पर खास रूप से ध्यान देना बहुत ज्यादा जरूरी है । आइये जानते हैं इस बारे में की क्या है कलाई में दर्द का कारण  या क्या हो सकता है यदि यह बढ़ जाये तो ।कलाई में दर्द की अनदेखी पड सकती है बहुत भारी

कभी कभी हम काम करते समय कलाई में दर्द का अनुभव करते हैं दिन रात कंप्यूटर पर काम करना और कभी किसी भरी वजन वाली चीज़ को उठाने में दर्द का अनुभव होना और कभी कभी इस कारण से कलाई में अंगुलियों में सूजन आ जाना और भी कई तरही की परेशानी होने लगती है  ।कलाई में दर्द की अनदेखी पड सकती है बहुत भारी

इसका कारण कलाई में हैयर लाइन फेकचर हो जाना या कलाई में हड्डियों का खिसक जाना और या फिर कार्पल टनल सिंड्रोम हो सकता है यह कार्पल टनल कलाई के पास एक संकरी नली या सुरंगनुमा मार्ग है। इससे जुड़ी तंत्रिकाएं व तंतु अंगूठे, मध्यमा और अनामिका उंगलियों से जुड़े होते हैं। ऐसे में जब कभी कलाई के आसपास की कोशिकाओं और नसों पर दबाव पड़ता है तो इसका असर उंगलियों और हथेलियों पर भी होने लगता है ।

कलाई में दर्द की अनदेखी पड सकती है बहुत भारी
.worker with pain on the wrist by the hard work at the office.

इस बीमारी का इलाज़ संभव है डॉ स्वाति ( फिजियोथिरेपिस्ट ) का कहना है की यह परेशानी बहुत ज्यादा बढ़ जाने पर सर्जरी से ही ठीक होती है पर यदि समय रहते इस पर ध्यान  दिया जाये तो इसका इलाज़ फिजियोथ्रेपी के जरिये संभव है ।

 

 

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