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इस शख्स ने आदमी होकर इस्तेमाल किया था पैड, अक्षय नहीं ये है असली ‘पैडमैन’

शुक्रवार को अक्षय कुमार की आगामी फिल्म ‘पैडमैन’ का ट्रेलर रिलीज किया गया। आर बाल्की के निर्देशन में इस फिल्म में रियल लाइफ पैडमैन अरूणाचलम मुरुगनाथम का किरदार निभा रहे हैं। अक्षय कुमार, राधिका आप्टे और सोनम कपूर की फिल्म पैडमैन का ट्रेलर काफी शानदार है। ट्रेलर रिलीज होते ही हर तरफ इसकी तारीफ यहां
इस शख्स ने आदमी होकर इस्तेमाल किया था पैड, अक्षय नहीं ये है असली ‘पैडमैन’

शुक्रवार को अक्षय कुमार की आगामी फिल्म ‘पैडमैन’ का ट्रेलर रिलीज किया गया। आर बाल्की के निर्देशन में इस फिल्म में रियल लाइफ पैडमैन अरूणाचलम मुरुगनाथम का किरदार निभा रहे हैं। अक्षय कुमार, राधिका आप्टे और सोनम कपूर की फिल्म पैडमैन का ट्रेलर काफी शानदार है। ट्रेलर रिलीज होते ही हर तरफ इसकी तारीफ यहां की तक की बॉलीवुड के कई दिग्गजों ने भी इसकी सराहना की। पीरियड्स को लेकर महिलाएं आजतक खुलकर बात करने में हिचकिचाती हैं। इस फिल्म के जरिए अक्षय कुमार ने इस मुद्दे पर खुलकर बात की है। लेकिन हम आपको बता दें कि इस असली ​हीरों अक्षय कुमार नहीं बल्कि कोई है। अक्षय परदे पर अरुणाचलम का किरदार निभा रहे हैं, और वे उनकी जिंदगी से आपको रू-ब-रू कराएंगे। हालांकि अक्षय की ये फिल्म अगले साल 26 जनवरी को रिलीज होगी। लेकिन अरूणाचलम के बारे में हम आपको पहले से ही रूबरू करवाने जा रहे हैं। तो आइए जानते हैं असली पैडमैन के संघर्षों केे बारें —

कौन है असली ‘पैडमैन’
अक्सर परदे पर दिखने वाले किरदार को हम हीरों समझ लेते हैं परदे के पीछे भी हीरो होते है और वो ही असली हीरो हैं। ये बात अलग है कि हम उनके बारे में ज्यादा जानते नहीं है। ऐसे ही एक शख्स है अरुनाचलम मुरुगनांथम। अरुणाचलम मुरुगअनंतम का जन्म 1962 में तमिलनाडु के कोयंबटूर में हुआ था। उनके पिता का निधन सड़क हादसे में होने की वजह से उनका बचपन गरीबी में गुजरा। मां खेतों में काम करके गुजारा चलाती थीं। 14 साल की उम्र में उनका स्कूल भी छूट गया। उसके बाद उन्होंने कई तरह के काम किए ताकि परिवार को मदद कर सकें।

कैसे हुई शुरूआत
अरुणाचलम की 1998 में शांति से शादी हो गई। लेकिन उन्होंने एक दिन देखा कि, उनकी पत्नी पीरियड्स के दौरान गंदे कपड़ों और अखबार का इस्तेमाल करती हैं क्योंकि सैनिटरी पैड महंगे आते थे। मुरुगनंथम ने सोचा क्‍यों न एक ऐसा प्रोड्क्‍ट बनाया जाए, जो गरीब महिलाओं तक आसानी तक पहुंच सके और उन्‍होंने कॉटन के सेनेटरी पैड बनाने की मुहिम शुरु कर दी।

ऐसे की थी शुरुआत
सबसे पहले उन्होंने अपने गांव के आसपास की महिलाओं में एक सर्वे किया। जिस दौरान उन्हें पता चला कि 10 में से सिर्फ 1 महिला पैड यूज कर रही जबकि अन्य महिलाएं वही पुराने तौर तरीकों का इस्तेमाल कर रही है। तब अरुणाचलम ने सबसे पहले कॉटन का इस्तेमाल करके पैड बनाना शुरू किया। सबसे पहला पैड उन्होंने अपनी पत्नी को दिया। लेकिन उनकी पत्नी और बहन ने इसे सिरे से नकार दिया। दोनों ने अरुणाचलम का साथ देने से भी साफ इनकार कर दिया।

खुद पर किया प​रीक्षण
उन्हें इस काम के लिए कोई वॉलंटियर भी नहीं मिली तो उन्होंने सैनिटरी पैड का परीक्षण खुद पर ही करना शुरू कर दिया। हालांकि गांव के लोगों ने उनका काफी विरोध भी किया। मुरुगनंथम ने जो पैड बनाया था, वो सही है कि नहीं इसका फीडबैक जानना चाहते थे। उन्‍होंने आस-पड़ोस और घर की महिलाओं को वो पैड यूज करने के लिए दिए, लेकिन उन्हें कोई वॉलंटियर नहीं मिली। तब उन्होंने सोचा की खुद पर ही क्यों न ट्राई किया जाए। मुरुगनंथम ने एक अपने इनर वियर के अंदर काल्‍पनिक ‘यूटरस’ का निर्माण किया। इसके लिए उन्‍होंने गुब्‍बारे में बकरी का खून भरकर उसमें एक छेद कर दिया और उसके ऊपर सेनेटरी पैड लगा लिया। मुरुगनंथम यह देखना चाहते थे कि, उनके द्वारा बनाया पैड खून सोख रहा है कि नहीं।

समझने में लगा दो साल का समय
अरुणाचलम को यह बात जानने में दो साल का समय लग गया कि कॉमर्शियल पैड सेल्यूलोज से बने होते हैं। लेकिन इसे बनाने वाली मशीन बहुत महंगी थी इसलिए उन्होंने खुद मशीन बनाने का इरादा बनाया और 65,000 रु. की मशीन तैयार कर दी। उन्होंने इसका इस्तेमाल पैड बनाने के लिए किया।

21,000 महिला कर्मचारी है कंपनी
आज उनकी जयश्री इंडस्‍ट्रीज नाम की कंपनी है। जिसमें 21,000 महिला कर्मचारी काम करती हैं। देश में करीब 2000 से ज्‍यादा कंपनी की यूनिटें हैं। मुरुगनंथम के इस नेक काम के लिए उन्‍हें साल 2016 में पद्म श्री अवार्ड से भी सम्‍मानित किया गया था।

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