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मंगल पर कार्बन डाईऑक्साइड से पैदा की जा सकेगी ऑक्सीजन

जयपुर। इंसान अंतरिक्ष में अपने कदम जमा चुका है कुछ ही सालों में ये आपना ढ़ेरा डाल लेगा। चांद पर तो ये आपना कब्जा जमा चुका ही है इसी के साथ मंगल पर भी कुछ हद तक आपनी किस्मत आजमा चुका है। इसके लिए ये और प्रयास कर रहा है। जैसा की हम जानते है
मंगल पर कार्बन डाईऑक्साइड से पैदा की जा सकेगी ऑक्सीजन

जयपुर। इंसान अंतरिक्ष में अपने कदम जमा चुका है कुछ ही सालों में ये आपना ढ़ेरा डाल लेगा। चांद पर तो ये आपना कब्जा जमा चुका ही है इसी के साथ मंगल पर भी कुछ हद तक आपनी किस्मत आजमा चुका है।  इसके लिए ये और प्रयास कर रहा है। जैसा की हम जानते है कि वैज्ञानिक सौर मंडल में विभिन्न ग्रहों पर जीवन की संभावना तलाशी रहा है। इस श्रृंखला में मंगल ग्रह का नाम सबसे ऊपर रखा गया है। मंगल पर मानव निरंतर अपनी पहुंच बनाये रखने के लिये कई अभियान चला कर उसको जानने की कोशिश कर रहा है।मंगल पर कार्बन डाईऑक्साइड से पैदा की जा सकेगी ऑक्सीजन

इसी कि दिशा में मंगल ग्रह पर वायुमंडलीय कार्बन डाईऑक्साइड को रासायनिक अभिक्रिया की मदद से ऑक्सीजन में बदलने की एक कोशिश की गई  जिसमें वैज्ञानिकों ने सफला भी हासिल कर ली है। वैज्ञानिक बताते है कि मंगल पर वो सब आदर्श स्थितियां मौजूद हैं, जिनकी मदद से वहां पर जीवन की संभावना विकसित की जा सकती है। शोधकर्ताओं ने बताया है कि भविष्य में प्लाज़्मा तकनीक का उपयोग करके मंगल पर यह प्रक्रिया की जा सकेगी। जानकारी दे दे कि ये शोध पुर्तगाल की यूनिवर्सिटी ऑफ पोर्टो और पेरिस की इकोल पॉलीटेक्निक के शोधकर्ताओं ने किया हैं।मंगल पर कार्बन डाईऑक्साइड से पैदा की जा सकेगी ऑक्सीजन

उनके अनुसार मंगल के वातावरण में 96 प्रतिशत कार्बन डाईऑक्साइड उपस्थित है तो गैर-उष्मीय प्लाज़्मा का उपयोग ऑक्सीजन पैदा करने के लिए प्रभावी ढंग से किया जा सकता है। इस खोज के अभियान में मंगल पर मानव युक्त मिशन भेजना अगला बड़ा कदम होगा जो इसको सफल बनाने में मददगार साबित होगा। आपको जानकारी दे दे कि गुएरा ने बताया कि धरती पर कार्बन डाईऑक्साइड के प्लाज़्मा का फिर से बनना, इस अनुसंधान का एक उभरता हुआ क्षेत्र है।मंगल पर कार्बन डाईऑक्साइड से पैदा की जा सकेगी ऑक्सीजन

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