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बिहार चुनाव में ओवैसी की एंट्री, किया देवेंद्र यादव के साथ गठबंधन

सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन और देवेंद्र यादव की पार्टी समाजवादी जनता दल ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन कर संयुक्त जनतांत्रिक सेकुलर गठबंधन (यूपीएसए) बनाया है। इस गठबंधन के बाद एनडीए और महागठबंधन के अलावा अब बिहार विधानसभा चुनाव में तीसरे मोर्चे की आशंका जताई जा रही
बिहार चुनाव में ओवैसी की एंट्री, किया देवेंद्र यादव के साथ गठबंधन

सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन और देवेंद्र यादव की पार्टी समाजवादी जनता दल ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन कर संयुक्त जनतांत्रिक सेकुलर गठबंधन (यूपीएसए) बनाया है। इस गठबंधन के बाद एनडीए और महागठबंधन के अलावा अब बिहार विधानसभा चुनाव में तीसरे मोर्चे की आशंका जताई जा रही है हालांकि अभी तक किसी और अन्य पार्टी द्वारा इस गठबंधन मैं शामिल होने की कोई जानकारी नहीं आई है।
ओवैसी ने बिहार विधानसभा चुनाव में उतरते ही कहा कि विपक्ष अपना कार्य ठीक से नहीं कर रहा है उसके अलावा अन्य समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ आने का निमंत्रण देकर यह संकेत दे दिया है कि नेताओं की नजर तीसरे मोर्चे पर है।
महागठबंधन में छोटे-छोटे दलों का सीट बंटवारे में स्पष्टता ना होने के कारण उनमें नाराजगी है और ऐसे में मौजूदा हालात का फायदा उठाते हुए ओवैसी ने तीसरे मोर्चे की तैयारी कर ली है। महागठबंधन को छोड़कर जो भी दल ओवैसी से जुड़ेंगे उससे उनका गठबंधन मजबूत होगा।
बिहार में ऐसी अनेक छोटी छोटी पार्टियां हैं जोकि भाजपा और विपक्ष दोनों से समान दूरी बनाए हुए हैं उनके लिए ओवैसी और देवेंद्र यादव का गठबंधन एक मौका बन सकता है जिसमें वह अपना रुतबा बनाने की कोशिश कर सकती हैं। हालांकि ओवैसी की कट्टर छवि उन पार्टियों के लिए काफी हानिकारक होगी जो जाति समीकरण को लेकर चलती हैं और चुनाव जीतने के लिए उन्हें हिंदू मतदाताओं की भी जरूरत पढ़ती है।
ओवैसी और देवेंद्र यादव का गठबंधन राजद के लिए काफी हानिकारक साबित हो सकता है क्योंकि मुस्लिम और यादव राजद के पारंपरिक मतदाताओं में से हैं और ओवैसी मुसलमान मतदाताओं को अपनी और आकर्षित करने में सफल हो सकते हैं दूसरी तरफ देवेंद्र यादव अपनी तरफ यादव मतदाताओं को आकर्षित कर सकते हैं।

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