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हमारा सौरमंडल है एक बुलबुले का बड़ा आवरण

जयपुर। हमारा सौरमंडल कैसे बना क्या आप इसके बारे में जानते हो। हम आपको बताते है कि सूर्य और उसकी परिक्रमा करते हुये कई ग्रह, क्षुद्रग्रह और धूमकेतुओ के मिलन से बना है। जैसा कि हम जानते है कि इसके केन्द्र मे सूर्य है जो सौरमंडल के सारे ग्रहों को ऊर्जा देता है और गुरूत्वाकर्षण
हमारा सौरमंडल है एक बुलबुले का बड़ा आवरण

जयपुर। हमारा सौरमंडल कैसे बना क्या आप इसके बारे में जानते हो। हम आपको बताते है कि सूर्य और उसकी परिक्रमा करते हुये कई ग्रह, क्षुद्रग्रह और धूमकेतुओ के मिलन से बना है। जैसा कि हम जानते है कि इसके केन्द्र मे सूर्य है जो सौरमंडल के सारे ग्रहों को ऊर्जा देता है और गुरूत्वाकर्षण बल से उनको बांधे रखता है। इसी तरह से सबसे बाहरी सीमा पर नेप्च्युन ग्रह स्थित है। नेपच्युन के परे प्लुटो ग्रहो है इसके अलावा धूमकेतु भी आते है। जैसे कि हम जानते है कि हमारा सौरमंडल एक बहुत बड़े बुलबुले से घिरा हुआ हैहमारा सौरमंडल है एक बुलबुले का बड़ा आवरण

इस बड़े बुलबुले को हीलीयोस्फियर कहते है। हीलीयोस्फीयर यह सौर वायु  द्वारा बनाया गया बुलबुले का आवरण है।  इस बुलबुले के अंदर सभी पदार्थ सूर्य द्वारा उत्सर्जित किये गये हैं। वैसे बता दे कि इस कठोर बुलबुले के अंदर हीलीयोस्फीयर के बाहर से अत्यंत ज्यादा उर्जा वाले कण प्रवेश कर सकते है। कमजोर कणों यह प्रवेश नहीं देता है। आपको जानकारी दे दे कि सौरवायु  किसी तारे के बाहरी वातावरण द्वारा उत्सर्जीत आवेशीत कणो की एक धारा होती है जो कि अत्याधिक उर्जा वाले इलेक्ट्रान और प्रोटान से बनी होती है।हमारा सौरमंडल है एक बुलबुले का बड़ा आवरण

यह बहुत ही शक्तिशाली होती है  इनकी उर्जा किसी तारे के गुरुत्व प्रभाव से बाहर जाने के लिये पर्याप्त होती है। यह सौर वायु सूर्य से हर दिशा मे प्रवाहित होती है इसकी गति कुछ सौ किलोमीटर प्रति सेकंड होती है। इसी से ब्रम्हांड  वायु  भी होती है। हायड्रोजन सारे ब्रम्हांड मे फैला हुआ है। आपको बता दे कि सौर  वायु  सुपर सोनिक गति से धीमी होकर सबसोनिक गति मे आ जाती है, इस चरण को  टर्मीनेशन शाक या समापन सदमा  कहते है।हमारा सौरमंडल है एक बुलबुले का बड़ा आवरण

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