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इस छाते को खोलना और बंद करना है बहुत आसान

जयपुर। बारिश होतो ही सबसे पहले छाता खुल जाता है। वैसे तो छतरियां कई दिनों से बंद पड़ी होने के कारण खुलने में दिक्कत करती है। इनको वैसे तो धुप में भी काम में लिया जाता है। लेकिन ये कभी कभी छोटी या संकरी जगहों पर खोलने या बंद करने में बहुत मुश्किल होती है।
इस छाते को खोलना और बंद करना है बहुत आसान

जयपुर। बारिश होतो ही सबसे पहले छाता खुल जाता है। वैसे तो छतरियां कई दिनों से बंद पड़ी होने के कारण खुलने में दिक्कत करती है। इनको वैसे तो धुप में भी काम में लिया जाता है। लेकिन ये कभी कभी छोटी या संकरी जगहों पर खोलने या बंद करने में बहुत मुश्किल होती है। लेकिन अब ऐसा कोई भी दिरक्कत नही आयेंगी क्योंकि अब ऐसा छाता बना लिया गया है जो कि बहुत ही आसानी से बंद और खोला जा सकता है।इस छाते को खोलना और बंद करना है बहुत आसान

इस छाते का नाम केज़ब्रेला छाता है। इसको खास तौर पर भीड़-भाड़ वाले इलाकों में यह छतरी बहुत कारगर सिद्द हो सकती है। आपको जानकारी दे दे कि जेनान काजिम को अपनी सास के साथ बातचीत के दौरान यह अनोखा छाता केज़ब्रेला बनाने का विचार आया था और इसके बाद उन्होंने इस आइडिया को डवलप करने के लिये कई प्रयोग किये और फिर वो विभिन्न डिजाइन तैयार किये तथा अनगिनत प्रोटोटाइप बनाये जो इसको आसानी में काम आयेंगे। इस नया अंब्रेला तैयार करने का यही उद्देश्य ये ही थाइस छाते को खोलना और बंद करना है बहुत आसान

कि पंरपरागत छाते की कमियों को सुधारना था। आपको बता दे कि यह छाता नीचे की तरफ खुलता है, इसलिये ये किसी के भी चेहरे पर चोट नहीं पहुंचाता है। जानकारी दे दे कि इसको बनाने के लिए धन जुटाने के लिये वेबसाइट पर अभियान चलाया गया था। आपको बता दे कि वेबसाइट अभियान में लक्ष्य से 10 गुना अधिक धन प्राप्त किया गया जो कि इसके शोध एवं विकास में खर्च किया गये। बता दे कि केज़ब्रेला छाते को बीबीसी के ‘ड्रेगन डेन’ और सीएनबीसी के ‘मेक मी ए मिलेनियर इंवेंटर’ दोनों कार्यक्रमों पर अपनी विशेष खूबियों के चलते प्रदर्शित किया गया है।इस छाते को खोलना और बंद करना है बहुत आसान

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