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खून की 4 बूंद  ही बन सकती है टेनिस एलबो जीतने तेज़ दर्द का इलाज़

दर्द से निजात पाने के लिए मरीजों को अब दर्द निवारक स्टेरॉयड लेने की जरूरत नहीं है। मरीज के चंद बूंद खून से बनने वाले प्लेटलेट्स रिच प्लाज्मा (पीआरपी) से ही दर्द से निजात मिल सकती है। इतना ही नहीं, यह मांसपेशियों और हड्डियों को भी मजबूत करता है। बीआरडी मेडिकल कालेज के हड्डी रोग विभाग में प्रयोग के तौर पीआरपी से इलाज शुरू हुआ है।
खून की 4 बूंद  ही बन सकती है टेनिस एलबो जीतने तेज़ दर्द का इलाज़

 

जयपुर । आज कल लोगों के शरीर में कोई खास जान नहीं रह गई है । लोगों को थोड़ा सा भी मेहनत का काम करना पद जाये तो उनकी हड्डियाँ बोल जाती है । इतना ही नही हमारा खानपान भी आज कुछ ऐसा हो चला है जिसके कारण हमारी हड्डियों की परेशानी बढ़ती ही चली जा रही है । कभी क्या तो कभी क्या परेशानी हो जाती है । ऊपर से यदि हड्डी में कोई चोट या कोई भी परेशानी हो जाये तो दर्द असहनीय हो जाता है ।खून की 4 बूंद  ही बन सकती है टेनिस एलबो जीतने तेज़ दर्द का इलाज़

ऐसे में आज हम आपको एक ऐसी जानकारी देने जा रहे हैं जो आपके इस प्रकार के दर्द जहां आपको कागज उठाने तक में परेशानी का सामना करना पड़ता है ऐसी स्थिति को भी ठीक करने में सहायक हो सकता है । आपके शरीर के खून की मात्र 4 बुंदे आपकी इस परेशानी का इलाज़ हो सकती है । आइये जानते हैं कैसे करता है काम और क्या है यह कहानी ?खून की 4 बूंद  ही बन सकती है टेनिस एलबो जीतने तेज़ दर्द का इलाज़

दर्द से निजात पाने के लिए मरीजों को अब दर्द निवारक स्टेरॉयड लेने की जरूरत नहीं है। मरीज के चंद बूंद खून से बनने वाले प्लेटलेट्स रिच प्लाज्मा (पीआरपी) से ही दर्द से निजात मिल सकती है। इतना ही नहीं, यह मांसपेशियों और हड्डियों को भी मजबूत करता है। बीआरडी मेडिकल कालेज के हड्डी रोग विभाग में प्रयोग के तौर पीआरपी से इलाज शुरू हुआ है।खून की 4 बूंद  ही बन सकती है टेनिस एलबो जीतने तेज़ दर्द का इलाज़

टेनिस एल्बो का दर्द झेल रहे 20 मरीजों पर पीआरपी का प्रयोग किया गया। इसने जबर्दस्त असर दिखाया। मरीजों को दर्द से राहत मिली। उनकी मांसपेशियां मजबूत हुई। हड्डियों का घिसाव कम हुआ। दूसरे जोड़ों के दर्द में इसका प्रयोग किया जा सकता है।खून की 4 बूंद  ही बन सकती है टेनिस एलबो जीतने तेज़ दर्द का इलाज़

प्लेटलेट्स रिच प्लाज्मा (पीआरपी) में मरीज के ही खून का प्रयोग किया जाता है। महज 10 से 15 मिलीलीटर खून निकालकर विभाग में सेंट्रीफ्यूजन मशीन में प्लाज्मा तैयार किया जाता है। यह प्लाज्मा इंजेक्शन के जरिए दर्द  वाले स्थान पर लगाया जाता है। लगभग एक या दो इंजेक्शन से बीमारी को काफी हद तक ठीक किया जा सकता है।

दर्द से निजात पाने के लिए मरीजों को अब दर्द निवारक स्टेरॉयड लेने की जरूरत नहीं है। मरीज के चंद बूंद खून से बनने वाले प्लेटलेट्स रिच प्लाज्मा (पीआरपी) से ही दर्द से निजात मिल सकती है। इतना ही नहीं, यह मांसपेशियों और हड्डियों को भी मजबूत करता है। बीआरडी मेडिकल कालेज के हड्डी रोग विभाग में प्रयोग के तौर पीआरपी से इलाज शुरू हुआ है। खून की 4 बूंद  ही बन सकती है टेनिस एलबो जीतने तेज़ दर्द का इलाज़

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