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युवाओं से ज्यादा जिंदा दिल हैं 65 साल से पार बुजुर्ग

इतना ही नहीं कई लोग तो बुजुर्गावस्था और रिटायर्मेब्न्त के बाद ज़िंदादिल जिंदगी , एडवेंचर , और वर्ल्ड ट्यूर की ख़्वाहिश को पूरा करते हैं । हाल ही में ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं जिनसे हमको भी जीवन को जीने का जज्बा हमको मिलता है ।
युवाओं से ज्यादा जिंदा दिल हैं 65 साल से पार बुजुर्ग

 

जयपुर । आज कल युवाओं की बात करें तो वह हमेशा तनाव में रहते हैं । इतना ही नहीं उनका सारा समय काम और किसी ना किसी बात की फिक्र करना उनकी आदत सी बन गई है यह फिक्र उनके जीवन में सिर्फ बीमारियाँ और तनाव लेकर आ रही है ऐसे में आज के युवा वर्ग का जीवन बिलकुल खत्म सा हो चला है ।युवाओं से ज्यादा जिंदा दिल हैं 65 साल से पार बुजुर्ग

ना कहीं आना जाना, ना जिंदा दिली ना ही जीवन को जीने की कोई चाह । इससे ज्यादा बेहतर तो हमारे बुजुर्ग हैं  । कहा जाता है बुढ़ापे तक आते आते उनकी तबीयत और स्वभाव बहुत ही ना साज हो जाते हैं । जिसके चलते वह काफी चिड़चिड़े हो जाते हैं पर हमारे सामने कुछ ऐसे भी उदाहरण है की उससे युवा वर्ग को प्रेरणा लेने की बहुत जरूरत है ।युवाओं से ज्यादा जिंदा दिल हैं 65 साल से पार बुजुर्ग

बुजुर्गों का जीवन वैसे तो बहुत ही उबाऊ होता है । पर उनमे कई लोग ऐसे भी हैं जो जीवन जीने की चाह लिए हुए होतवे हैं । बीमार हो जाने या बिस्तर पर आ जाने के बाद भी वह जीने की चाह नहीं छोड़ते हैं और एक दम स्वस्थ खड़े हो जाते हैं ।युवाओं से ज्यादा जिंदा दिल हैं 65 साल से पार बुजुर्ग

इतना ही नहीं कई लोग तो बुजुर्गावस्था और रिटायर्मेब्न्त के बाद ज़िंदादिल जिंदगी , एडवेंचर , और वर्ल्ड ट्यूर की ख़्वाहिश को पूरा करते हैं । हाल ही में ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं जिनसे हमको भी जीवन को जीने का जज्बा हमको मिलता है । जिनमे से एक 75 वर्षीय ज्योति स्वरूप कौल भी हैं जो पिछले कई सालों से कुछ इसी जज्बे के साथ जवान बने हुए हैं। 1962 में देश के जूनियर वर्ग में दूसरे नंबर के टेनिस खिलाड़ी रहे कौल के अनुसार 17 साल पहले अस्थमा की गिरफ्त में आने के बाद बिस्तर पर पड़ गए। ऐसे में खिलाड़ी मन ने हिम्मत दी और स्पोर्ट्स मैन स्प्रिट दिखाते हुए फिर उठ खड़े हुए।

युवाओं से ज्यादा जिंदा दिल हैं 65 साल से पार बुजुर्ग

 इतना ही नहीं कई लोग तो बुजुर्गावस्था और रिटायर्मेब्न्त के बाद ज़िंदादिल जिंदगी , एडवेंचर , और वर्ल्ड ट्यूर की ख़्वाहिश को पूरा करते हैं । हाल ही में ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं जिनसे हमको भी जीवन को जीने का जज्बा हमको मिलता है । युवाओं से ज्यादा जिंदा दिल हैं 65 साल से पार बुजुर्ग

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