Samachar Nama
×

अब बिना चीर फाड़ के भी इलाज संभव हो पाएगा, तो ये है वो अनोखी तकनीक

जयपुर। विज्ञान ने ज्यों ज्यों तरक्की की है, उसका इंसान के लिए सबसे ज्यादा लाभ मेडिकल फील्ड में हुआ है। तकनीक की मदद से आज के दौर में इंसान की जान बचाई जा रही है। आम तौर पर जटिल मेडिकल इमरजेंसी होने पर बंदे का ऑपरेशन किया जाता है। यानी के शल्य चिकित्सा को सबसे
अब बिना चीर फाड़ के भी इलाज संभव हो पाएगा, तो ये है वो अनोखी तकनीक

जयपुर। विज्ञान ने ज्यों ज्यों तरक्की की है, उसका इंसान के लिए सबसे ज्यादा लाभ मेडिकल फील्ड में हुआ है। तकनीक की मदद से आज के दौर में इंसान की जान बचाई जा रही है। आम तौर पर जटिल मेडिकल इमरजेंसी होने पर बंदे का ऑपरेशन किया जाता है। यानी के शल्य चिकित्सा को सबसे आखिरी चिकित्सीय पैतरा माना जाता है। मगर हाल ही में कनाडा के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी नई प्रणाली खोज ली है, जिसमें बिना किसी चीर फाड़ के शरीर की आंतरिक रचना देखी जा सकेगी।

इसे भी पढ़ लीजिए:- टेंशन लेने से कम हो सकती है आपकी याददाश्तअब बिना चीर फाड़ के भी इलाज संभव हो पाएगा, तो ये है वो अनोखी तकनीक

जी हां, कहने में भले ही यह एक कल्पना लगे मगर यह सच हो चुका है। वैसे तो डॉक्टर किसी भी मरीज के शरीर के अंदरूनी हिस्सों का जायजा लेने के लिए चीरा लगाते हैं। मगर इस नई तकनीक की मदद से अब इलाज के लिए किसी भी चीरफाड़ की जरूरत नही पड़ेगी। जी हां, इस तकनीक की मदद से मरीज और डॉक्टर दोनों को राहत मिल पाएगी और इलाज की प्रक्रिया भी आसान हो जाएगी।अब बिना चीर फाड़ के भी इलाज संभव हो पाएगा, तो ये है वो अनोखी तकनीक

अनुसंधानकर्ताओं ने इस नवीन प्रणाली का नाम प्रोजेक्ट डीआर रखा है। तकनीक की बात करे तो इस नई तकनीक में सीटी स्कैन और एमआरआइ जैसी इमेजिंग तकनीक से रोगी के शरीर का डाटा सीधे तौर पर प्रदर्शित किया जाएगा। यदि इस दौरान रोगी हिलने डुलने लग जाता है तो वह सूचना भी ठीक उसी तरह हिलने डुलने लग जाएगी। वैज्ञानिक फिलहाल इसे और भी बेहतर बनाने की दिशा में जुटे हुए हैं।

इसे भी पढ़ लीजिए:- स्मार्टफोन के बिना एक पल भी नहीं रहने वालों, हो जाओ…अब बिना चीर फाड़ के भी इलाज संभव हो पाएगा, तो ये है वो अनोखी तकनीक

कहा जा रहा है कि इस तकनीक में आटोमैटिक कैलिब्रेशन की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। इतना ही नही शरीर के अंदर की बातें बाहर लाने के लिए खास किस्म के सेंसर्स काम में लाए जाएंगे। यह शोध कार्य यूनिवर्सिटी ऑफ अल्बर्टा के शोधकर्ताओँ ने किया है। एडवांस्ड रियलिटी (एआर) नामक यह तकनीक शरीर को बिना खोले उसका वास्तविक रूप सामने रखेगी।

Share this story