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तो इस तरह से स्मार्टफोन बनेंगे नेत्रहीनों का सहारा

जयपुर। अक्सर जब अंधे लोग सड़क पार करते है तो उन्हें काफी दिक्कत होती है। इतना ही नहीं नेत्रहीनों को दैनिक जीवन में हर काम करने में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में वैज्ञानिक ने हाल ही में एक ऐसी मोबाइल तकनीक खोजी है जिसकी मदद से नेत्रहीन लोग अपने स्मार्टफोन और
तो इस तरह से स्मार्टफोन बनेंगे नेत्रहीनों का सहारा

जयपुर। अक्सर जब अंधे लोग सड़क पार करते है तो उन्हें काफी दिक्कत होती है। इतना ही नहीं नेत्रहीनों को दैनिक जीवन में हर काम करने में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में वैज्ञानिक ने हाल ही में एक ऐसी मोबाइल तकनीक खोजी है जिसकी मदद से नेत्रहीन लोग अपने स्मार्टफोन और टैबलेट के जरिए आसपास की चीजों को देख सकेंगे। जी हां, यह अनोखा शोध कार्य ब्रिटेन स्थित लिंकलोन यूनिवर्सिटी में किया गया है।तो इस तरह से स्मार्टफोन बनेंगे नेत्रहीनों का सहारा

दरअसल इस तकनीक में कंप्यूटर विज़न और मशीन लर्निंग का खास इस्तेमाल किया गया है। शोधकर्ता बताते हैं कि स्मार्ट विज़न सिस्टम को मोबाइल डिवाइस में डालने के प्रयास किये जा रहे हैं। इससे नेत्रहीन तथा आंशिक रूप से अंधेपन के शिकार लोगों को अनजान इलाकों में चलने-फिरने में मदद मिल पाएगी।तो इस तरह से स्मार्टफोन बनेंगे नेत्रहीनों का सहारा

आपको बता दे कि इस तकनीक में यह पता चला है कि स्मार्टफोन व टैबलेट में कलर और डेप्थ सेंसर टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके 3डी मैपिंग और लोकलाइजेशन, नेविगेशन और पहचान जैसे फीचर को सक्रिय किया जा सकता है।तो इस तरह से स्मार्टफोन बनेंगे नेत्रहीनों का सहारा

शोध दल ने एक ऐसा नवीन इंटरफेस विकसित किया है जिसकी मदद से नेत्रहीनों को कंपन या बोले जाने वाले शब्दों के सहारे आसपास की स्थिति के बारे में सटीक जानकारी दी जाएगी। हम आपको बता दे कि इस तकनीक के द्वारा मोबाइल या टैबलेट में लगे सेंसर से आसपास की चीजों की पहचान की जा सकेगी।

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