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तो अब मल ट्रांसप्लांट करके भी दूसरों की बचाई जा सकती है जान

जयपुर। दुनिया में बीमारियां इतनी बढ़ गई हैं कि अब इंसान की जान बचाने के लिए वैज्ञानिर कई तरह के तरीके खोज रहे हैं। इंसान को बचाने के लिए नए नए तरीके तलाशने पड़ रहे हैं। इसी कड़ी के अंदर वैज्ञानिकों ने मल ट्रांसप्लांट नामक एक नया तरीका खोजा है। वैज्ञानिकों ने बताया कि इससे
तो अब मल ट्रांसप्लांट करके भी दूसरों की बचाई जा सकती है जान

जयपुर। दुनिया में बीमारियां इतनी बढ़ गई हैं कि अब इंसान की जान बचाने के लिए वैज्ञानिर कई तरह के तरीके खोज रहे हैं। इंसान को बचाने के लिए नए नए तरीके तलाशने पड़ रहे हैं। इसी कड़ी के अंदर वैज्ञानिकों ने मल ट्रांसप्लांट नामक एक नया तरीका खोजा है। वैज्ञानिकों ने बताया कि इससे किसी मरते हुए बंदे की जान बचाई जा सकती है। इसका नाम लेते हुए आपको ये अजीब और बदबूदार प्रक्रिया लग रही है, लेकिन जान बचाने के लिए इंसान किसी भी हद तक जा सकता है तो ये वही हद है।तो अब मल ट्रांसप्लांट करके भी दूसरों की बचाई जा सकती है जान

\पहले आपको इसके बारे में बता दे कि इस तरह की प्रक्रिया से एक बात तो सबित हो जाती है कि जीवाणुओं का हमारे शरीर में बड़ा महत्वपूर्ण योगदान होता है आपको जानकारी के लिए बता दे कि ये जीवाणु ज्यादातर खाने पीने की चीजों में पाए जाते हैं, जो कि सीधा आंतों में जाकर जम जाते है इससे पाचन तंत्र भी प्रभावित होता है। आपको पहले ही बता दे कि आंतों में कई तरह के जीवाणु पाए जाते हैं। आपको बता दे

तो अब मल ट्रांसप्लांट करके भी दूसरों की बचाई जा सकती है जान

कि इस इकोलोजी को सही रखने के लिए आंतों का सही काम करना जरूरी है। आपको बता दे कि इस प्रक्रिया में आंतों में मौजूद जीवाणुओं को मारा जाता है। जैसा की हम जानते है कि ये बैक्टीरिया आम तौर पर एंटीबायोटिक दवा लेने वाले व्यक्ति पर हमला करता है और ये ही पेट में खराबी पैदा कर सकता है। तो वैज्ञानिक ने इसके बारे में ऐसे में यह मल स्थानातंरण की नई तकनीक काफी कारगर साबित हो रही है।तो अब मल ट्रांसप्लांट करके भी दूसरों की बचाई जा सकती है जान

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