जयपुर । प्रदूषण है की कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है । हालत यह हो गई है की घर से निकलने से पहले हमको कम से कम 3 बार सोचना पड़ रहा है की जाना जरूरी ना हो तो हम इसको टाल ही दें । पर यह भी किस हद तक मुमकिन हो सकता है । लोगों को ऐसा लगता है की प्रदूषण का क्या है धूल मिट्टी ही तो है साफ हो जाएगी । पर आपको शायद इस बात को जानकार अपनी और अपनों की चिंता और भी बढ़ सकती है की ये हवा 4 तरह की गंभीर जहरीली गैस लिए हुए हैं ।
प्रदूषण में सिर्र्फ़ धूल मिट्टी ही नही बल्कि प्रदूषित गैसों का भी उतना ही योगदान होता है जितना की बाकी हवाओं का । लोगों के मन में ये भ्रम है की मात्र कार्बन डाई ऑक्साइड ही हमारे शरीर के लिए नुकसान दाई है और यही ही हवा में फैल रहा है । पर ऐसा नहीं है । और भी कुछ गैसे हैं जो हमारे लिए परेशानी का कारण बन रही इतना ही नही यह जानलेवा साबित भी हो रही हैं ।
नाइट्रोजन ऑक्साइड : ये तीव्र प्रतिक्रियाशील गैसों का समूह है, जिसमें नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड घुली होती है।
असर : प्रतिरोधक क्षमता में कमी, त्वचा के कैंसर का खतरा
–कार्बन मोनोऑक्साइड : यह रंगहीन और गंधहीन गैस है और वाहन के ईंधन से पैदा होती है। इससे वातावरण की दृश्यता घटती है।
असर : सुनने की क्षमता में कमी, सिर व सीने में दर्द की शिकायत होने के साथ साथ सांस में परेशानी करती है ।
सल्फर डाईऑक्साइड : यह ऐसी गैस है जो पानी में घुलकर अम्ल बनाती है।
असर : सांस उखड़ना, अस्थमा जैसी परेशानियों का कारण बनती है ।
ओजोन : यह वातावरण में मौजूद गैसों के सूर्य से प्रतिक्रिया करने पर पैदा होती है।
असर : आंखों में पानी आना, खराश , आँखों की बीमारियाँ गले वह इन्फेक्शन समबन्धि परेशानियाँ होना इसका कारक बन रही है ।