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शुभ संयोग लेकर आ रही है निर्जला एकादशी

ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहा जाता हैं इस बार निर्जला एकादशी पर गुरुवार होने से यह और भी शुभ संयोग बन रहा हैं ज्योतिष के मुताबिक यह संयोग छह सालों बाद बन रहा हैं इस दिन लोग निर्जल व्रत रखकर विधि विधान से दान करते हैं और पुण्य प्राप्त करते हैं इस बार निर्जला एकादशी और गुरुवार का शुभ संयोग बन रहा हैं वही गुरुवार भगवान श्री विष्णु को सबसे प्रिय दिन माना जाता हैं इसलिए इस दिन को ही भगवान विष्णु की पूजा के लिए सबसे ज्यादा शुभ माना गया
शुभ संयोग लेकर आ रही है निर्जला एकादशी

आपको बता दें, कि ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहा जाता हैं इस बार निर्जला एकादशी पर गुरुवार होने से यह और भी शुभ संयोग बन रहा हैं वही ज्योतिष के मुताबिक यह संयोग छह सालों बाद बन रहा हैं इस दिन लोग निर्जल व्रत रखकर विधि विधान से दान करते हैं और पुण्य प्राप्त करते हैं।

शुभ संयोग लेकर आ रही है निर्जला एकादशी

वही एकादशी व्रत विशेष रूप से जगत के पालनकर्ता भगवान श्री हरि विष्णु के निमित्त किया जाता हैं यह व्रत जीवन में सर्व समृद्धि देने वाला और सदगति प्रदान करने वाला माना जाता हैं वही आपको बता दें, कि साल में कुल 24 एकादशी होती हैं पर निर्जला एकादशी को सभी एकादशियों में श्रेष्ठ माना जाता हैं। तो आज हम आपको एकादशी से जुड़ी कुछ बातें बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं। शुभ संयोग लेकर आ रही है निर्जला एकादशीवही इस बार निर्जला एकादशी और गुरुवार का शुभ संयोग बन रहा हैं वही गुरुवार भगवान श्री वि​ष्णु को सबसे प्रिय दिन माना जाता हैं इसलिए इस दिन को ही भगवान विष्णु की पूजा के लिए सबसे ज्यादा शुभ माना गया हैं निर्जला एकादशी का व्रत करने से शुभ फल की प्राप्ति हो जाती हैं वही अब से पहले निर्जला एकादशी और गुरुवार का शुभ संयोग साल 2013 में बना था। वही ज्योतिष के मुताबिक महाभारत काल में महर्षि वेदव्यास ने भीम को निर्जला एकादशी व्रत का महत्व बताया था।शुभ संयोग लेकर आ रही है निर्जला एकादशी

वह इस एकादशी को भीम सैनी एकादशी भी कहा जाता हैं यह व्रत हमें जल संरक्षण का संदेश देता हैं इस व्रत में सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत होकर मन में भगवान विष्णु के निमित्त व्रत का संकल्प करें। शुभ संयोग लेकर आ रही है निर्जला एकादशी

ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहा जाता हैं इस बार निर्जला एकादशी पर गुरुवार होने से यह और भी शुभ संयोग बन रहा हैं ज्योतिष के मुताबिक यह संयोग छह सालों बाद बन रहा हैं इस दिन लोग निर्जल व्रत रखकर विधि विधान से दान करते हैं और पुण्य प्राप्त करते हैं इस बार निर्जला एकादशी और गुरुवार का शुभ संयोग बन रहा हैं वही गुरुवार भगवान श्री वि​ष्णु को सबसे प्रिय दिन माना जाता हैं इसलिए इस दिन को ही भगवान विष्णु की पूजा के लिए सबसे ज्यादा शुभ माना गया शुभ संयोग लेकर आ रही है निर्जला एकादशी

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