नवजात शिशु का ब्रेन स्कैन खोल सकता है कई तरह के राज, तनाव से बचने का वैज्ञानिकों ने निकाला हल
सेंट लुईस में वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के मेड ऑफ मेडिसिन में हुए एक नए अध्ययन से पता चला है कि नवजात शिशुओं के मस्तिष्क को स्कैन करने से आप कई तरह के सुराग का पता लगा सकते हैं। स्कैन की रिपोर्ट से आप पता लगा सकते हैं कि क्या आपके बच्चे आने वाले जीवन में कभी तनाव और चिंता के किसी भी प्रकार के लक्षण को विकसित करेगा।
जर्नल ऑफ़ द अमेरिकन एकेडमी ऑफ चाइल्ड ऐंड एडेलसेंट जर्नल में प्रकाशित अध्ययन से पता चला है कि मस्तिष्क के कुछ क्षेत्रों के बीच संबंधों की ताकत और पैटर्न का इस्तेमाल बेहद दुःख, शर्म, घबराहट के कारणों का पता लगाने की भविष्यवाणी के लिए किया जा सकता है। यह भी पढ़ें इस महिला के दिमाग से निकला जिंदा कोकरोच…देखकर डॉक्टर हुए हैरान
मस्तिष्क में इन कनेक्टिविटी पैटर्न को जन्म में देखा जा सकता हैं, क्या वे अवसाद और चिंता से जुड़ी शुरुआती लक्षणों के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं या इन लक्षणों से मस्तिष्क में परिवर्तन हो सकते हैं! अध्ययन के प्रमुख लेखक के अनुसार मस्तिष्क कनेक्शन जीवन में बाद में समस्याओं के विकास के लिए जिम्मेदार हो सकता है।
अध्ययन के लिए, शोधकर्ताओं ने 65 नवजात शिशुओं का एमआरआई स्कैन करवाया। शोधकर्ताओं ने अपने नीयत तिथियों से कम से कम 10 सप्ताह पहले या बाद के शिशुओं का एमआरआई स्कैन भी किया।
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शोधकर्ताओं ने पाया कि एमेगेडेला और अन्य मस्तिष्क क्षेत्रों के बीच संबंध की ताकत समय से पहले के बच्चों में कम है, जो उस अवधि में पैदा हुए बच्चों की तुलना में कम होती है। दिलचस्प बात यह है कि एमेगेडेला और इन्सुला कॉर्टैक्स के बीच के कनेक्शन का पैटर्न अवसाद और चिंता से संबंधित प्रारंभिक लक्षणों के जोखिम को बढ़ाता है। शोधकर्ताओं के लिए अगला कदम अब बच्चों के दिमाग में एक और स्टेप आगे झांकना है।

