जयपुर, देश के गुजरात में उत्तर भारत के लोगों पिछले पांच दिन से लगातार हमले हो रहे हैं। जिसके चलते लोग अपने राज्य की ओर पलायन करते नजर आ रह है। वहीं सरकार भी मामले पर चुप्पी साधे हुए है। कुछ उपद्रवी लोग एक आरोपी की सजा सभी लोगों को दे रहे है। वहीं नेता मामले को लेकर राजनीति करने से पीछे नहीं हट रहे हैं। प्रशासन भी शांतिभंग करने वालों को मूकदर्शक बनकर देख रही है।
बता दें कि गुजरात में एक 14 माह की बच्ची के रेप के बाद उत्तर भारतीयों में खासकर उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों के खिलाफ हिंसा शुरू हो गई है। जिसके चलते सभी मजदूर लोगों को गुजरात छोड़ना पड़ रहा है। बता दें कि गत माह 28 तारीख को गुजरात में एक छोटी बच्ची से दुष्कर्म का मामला सामने आया था। यह बच्ची यहां के दमदार ठाकोर समुदाय से ताल्लुक रखती है साथ ही जिस आरोपी ने दुष्कर्म किया है वह यूपी का रहने वाला है।
इस रेप के बाद ठाकोर सेना ने उत्तर भारतीयों पर हमले करना शुरू कर दिए। इन हमलों से बचने के लिए अब तक करीब 20 हजार लोग गुजरात छोड़ चुके हैं। वहीं दूसरी और घटना के बाद पता चलने पर आरोपी की मां ने एक बड़ा बयान दिया है और कहा है कि मेरा बेटा मंदबुद्धि है अगर उसने गलत किया है तो कानून उसे सजा देगा। उन्होंने कहा है कि एक आरोपी की सजा सभी लोगों को देना गलत है।
सभी लोगों ने थोड़ी अपराध किया है। लोगों का यह तरीका गलत है। लेकिन इन सब की बीच सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन का कोई काम नहीं है। क्या कानून ने राजनीति की वजह से एक विशेष समुदाय को इतना पावर दे दिया है कि वह किसी को भी सजा दे सके। इन सब को देखते हुए लगता है हमारे देश का प्रशासन भी राजनेताओं की कठपूतली है जो इनके इशारों पर नाचता हैं।