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इस तरह तुलसी के पत्ते को तोड़ना माना जाता है अपराध,जानें तुलसी पूजा के नियम को

जयपुर। हिंदू धर्म में तुलसी को पवित्र व पूजनिय पौधा माना जाता है। शास्त्रों में तुलसी के लिए कहा गया है कि यह भगवान विष्णु को सबसे ज्यादा प्रिय हैं। भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी के पत्तों को रखना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही भगवान विष्णु को चढाए जाने वाले भोग में
इस तरह तुलसी के पत्ते को तोड़ना माना जाता है अपराध,जानें तुलसी पूजा के नियम को

जयपुर। हिंदू धर्म में तुलसी को पवित्र व पूजनिय पौधा माना जाता है। शास्त्रों में तुलसी के लिए कहा गया है कि यह भगवान विष्णु को सबसे ज्यादा प्रिय हैं। भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी के पत्तों को रखना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही भगवान विष्णु को चढाए जाने वाले भोग में तुलसी के पत्ते को रखा जाता है। तुलसी के पौधे 5 प्रकार के होते हैं –

इस तरह तुलसी के पत्ते को तोड़ना माना जाता है अपराध,जानें तुलसी पूजा के नियम को

  1. श्याम तुलसी
    2. राम तुलसी
    3. विष्णु तुलसी
    4. वन तुलसी और
    5. नींबू तुलसी।

शास्त्रों में तुलसी के पत्तें को तोड़ने  के लिए भी नियम बनाए गये हैं, जिन नियमों के आधार पर तुलसी के पत्तों को तोड़ा जाना चाहिए। इसके साथ ही तुलसी को हम लोग देवी लक्ष्मी का स्वरुप मानते हैं तो तुलसी जी को राधा का अवतार माना जाता हैं इसलिए तुलसी का पत्ता तोडऩे और घर में तुलसी के पौधे को रखने का नियम बनाया गया है।

इस तरह तुलसी के पत्ते को तोड़ना माना जाता है अपराध,जानें तुलसी पूजा के नियम को

  • शास्त्रों में कहा गया है कि रविवार, शुक्रवार, एकादशी, अमावस्या, चौदस, ग्रहण और द्वादशी को तुलसी का पत्ता नहीं तोडऩा चाहिए।
  • रविवार और एकादशी के दिन तुलसी को जल अर्पित नहीं किया जाता है। ना ही तुलसी के पत्ते को नाखून से तोडा जाता है।

इस तरह तुलसी के पत्ते को तोड़ना माना जाता है अपराध,जानें तुलसी पूजा के नियम को

  • तुलसी के गिरे हुए पत्तों का प्रयोग औषधि या अन्य क्रियाओं में लिया जाता है या फिर पत्तें को मिट्टी में दबा दिया जाना चाहिए।
  • बगैर किसी कारण के तुलसी के पत्ते को नहीं तोडऩा चाहिए।
  • बगैर स्नान के तुलसी के पत्ते को नहीं तोड़ना चाहिए ऐसा करना अपराध माना जाता है और उसकी की गई पूजा निष्फल हो जाती है।

इस तरह तुलसी के पत्ते को तोड़ना माना जाता है अपराध,जानें तुलसी पूजा के नियम को

शास्त्रों में कहा गया है कि रविवार, शुक्रवार, एकादशी, अमावस्या, चौदस, ग्रहण और द्वादशी को तुलसी का पत्ता नहीं तोडऩा चाहिए। इसके साथ ही रविवार और एकादशी के दिन तुलसी को जल अर्पित नहीं करना चाहिए।

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