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Nepal माओवादी विद्रोही गुट मुख्यधारा की राजनीति में शामिल

पूर्व विद्रोही माओवादी पार्टी का एक कद्दावर गुट, गुरुवार को मुख्यधारा की राजनीति में शामिल होने के लिए सहमत हो गया। यह गुट 2014 से ‘सशस्त्र संघर्ष’ के लिए भूमिगत था। नेत्र बिक्रम चंद उर्फ बिप्लव ने गुरुवार की सुबह नेपाल सरकार के साथ तीन सूत्रीय समझौते की शुरुआत की और मुख्यधारा की राजनीति में
Nepal माओवादी विद्रोही गुट मुख्यधारा की राजनीति में शामिल

पूर्व विद्रोही माओवादी पार्टी का एक कद्दावर गुट, गुरुवार को मुख्यधारा की राजनीति में शामिल होने के लिए सहमत हो गया। यह गुट 2014 से ‘सशस्त्र संघर्ष’ के लिए भूमिगत था। नेत्र बिक्रम चंद उर्फ बिप्लव ने गुरुवार की सुबह नेपाल सरकार के साथ तीन सूत्रीय समझौते की शुरुआत की और मुख्यधारा की राजनीति में शामिल होने के लिए सहमत हुए।

चंद नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) में एक दशक तक चले गृहयुद्ध के दौरान 1996 से 2006 तक नेपाल में डिप्टी कमांडर हुआ करता था और उन्हें पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड का भरोसेमंद नेता माना जाता था।

2006 में माओवादियों ने मुख्यधारा की राजनीति में शामिल होने का फैसला किया, चंद को पार्टी के अंदर दरकिनार कर दिया गया और 2012 में पार्टी के अन्य नेताओं के साथ पार्टी छोड़ दी।

चंद ने गंभीर वैचारिक मतभेद होने के बाद, 2014 में पार्टी छोड़ दी और अपनी खुद की पार्टी बनाई और लोगों की हत्या, बमबारी जैसी हिंसात्मक गतिविधियां में शामिल हो गया। बाद में 2019 में, वर्तमान के.पी. ओली सरकार ने काठमांडू में एक बम विस्फोट में एक व्यक्ति की मौत के बाद संगठन के खिलाफ प्रतिबंध लगाए थे।

दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते के अनुसार, चंद के नेतृत्व वाली सीपीएन अपने राजनीतिक उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए हिंसक गतिविधियों को त्यागने और शांतिपूर्ण राजनीति करने के लिए सहमत हो गई है।

अनौपचारिक वार्ता के सफल दौर के बाद, दोनों पक्षों ने मंगलवार को चार सदस्यीय वार्ता दल का गठन किया था और एक समझ तक पहुंचने के लिए काठमांडू में वार्ता की एक श्रृंखला आयोजित की।

बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान के अनुसार, गुरुवार दोपहर 2 बजे होने वाले एक विशेष समारोह के बीच समझौते के विवरण को सार्वजनिक करने के लिए दोनों पक्ष सहमत हुए। राजधानी में समारोह को प्रधानमंत्री के.पी. ओली और सीपीएन के महासचिव नेत्रा बिक्रम चंद ने संबोधित किया।

दोनों पक्षों द्वारा जारी संयुक्त प्रेस बयान के अनुसार, सीपीएन के खिलाफ लगाए गए प्रतिबंध को हटाया जाएगा, सभी कैदियों को रिहा किया जाएगा और सीपीएन नेताओं और कैडरों के खिलाफ दायर किए गए मामले समाप्त किए जाएंगे।

नयूज सत्रोत आईएएनएस

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