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बढ़ती उम्र में लापरवाही कहीं बन ना जाये प्रोटेस्ट कैंसर की परेशानी , और

प्रॉस्टेट-वृद्धि को मेडिकल भाषा में बेनाइन प्रॉस्टेटिक हायपरप्लेजिया (बीपीएच) कहा जाता है। इसे किसी प्रयास द्वारा रोक पाना सम्भव नहीं है। बढ़ती उम्र के कारण होने वाले हॉर्मोन संबंधी बदलाव, मोटापा, सक्रिय जीवन न बिताना व परिवार में अन्य पुरुषों में इस रोग का पहले होना किसी व्यक्ति में इसके लिए की आशंका बढ़ाता है।
बढ़ती उम्र में लापरवाही कहीं बन ना जाये प्रोटेस्ट कैंसर की परेशानी , और

जयपुर । उम्र का बढ्न समय के साथ बहुत्ब ही लाज़मी बात है । यह प्रकारती का नियाम है की समय के साथ साथ उम्र बढ़ती ही है । पर कई बार ऐसा भी होता है की उम्र के साथ साथ कुछ बीमारियाँ भी हमारे लिए परेशानियाँ खड़ी कर देती है । कई बीमारियाँ ऐसी होती है जो सामान्य होती है यानि महिला और पुरुषों में दोनों में ही पाई जाती है । बढ़ती उम्र में लापरवाही कहीं बन ना जाये प्रोटेस्ट कैंसर की परेशानी , और
पर कुछ बीमारियाँ ऐसी भी होती है जो की सिर्फ पुरुषों में और सिर्फ महिलाओं में पाई जाती है वह भी बढ़ती उम्र के साथ सात्यह । पर यह ऐसा नही है की उम्र बढ़ रही है तो होना बहुत ही सामन्या है की बीमारियाँ तो होगी ही । कुछ बातों का ध्यान ना रखना ही हमारे लिउए मुसीबत खड़ी कर देता है । जैसे पुरुषों में प्रोटेसत ग्रंथि की परेशानी का होना । बढ़ती उम्र में लापरवाही कहीं बन ना जाये प्रोटेस्ट कैंसर की परेशानी , और
प्रॉस्टेट-वृद्धि को मेडिकल भाषा में बेनाइन प्रॉस्टेटिक हायपरप्लेजिया (बीपीएच) कहा जाता है। इसे किसी प्रयास द्वारा रोक पाना सम्भव नहीं है। बढ़ती उम्र के कारण होने वाले हॉर्मोन संबंधी बदलाव, मोटापा, सक्रिय जीवन न बिताना व परिवार में अन्य पुरुषों में इस रोग का पहले होना किसी व्यक्ति में इसके लिए की आशंका बढ़ाता है।बढ़ती उम्र में लापरवाही कहीं बन ना जाये प्रोटेस्ट कैंसर की परेशानी , और
प्रॉस्टेट के आकार का हमेशा लक्षणों से सम्बन्ध नहीं होता। कई बार थोड़ी ही वृद्धि के कारण लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं, तो कई बार काफी बढ़ जाने के बाद भी प्रॉस्टेट-वृद्धि के लक्षण नहीं दिखते। प्रॉस्टेट बढ़ने के कारण मूत्र संबंधी ये लक्षण केवल यहीं समाप्त नहीं होते। इनके कारण रुकी हुई पेशाब में इंफेक्शन या पथरी का निर्माण भी हो सकता है। इसके अलावा इससे मूत्राशय और गुर्दों को भी क्षति पहुंच सकती है। बढ़ती उम्र में लापरवाही कहीं बन ना जाये प्रोटेस्ट कैंसर की परेशानी , और
इतना ही नहीं यदि इस बात पर ध्यान नहीं दिया जाये तो यह किडनी फेलियर और साथ ही प्रोटेस्ट एनसार का भी कारण बन सकता है । \

प्रॉस्टेट-वृद्धि को मेडिकल भाषा में बेनाइन प्रॉस्टेटिक हायपरप्लेजिया (बीपीएच) कहा जाता है। इसे किसी प्रयास द्वारा रोक पाना सम्भव नहीं है। बढ़ती उम्र के कारण होने वाले हॉर्मोन संबंधी बदलाव, मोटापा, सक्रिय जीवन न बिताना व परिवार में अन्य पुरुषों में इस रोग का पहले होना किसी व्यक्ति में इसके लिए की आशंका बढ़ाता है। बढ़ती उम्र में लापरवाही कहीं बन ना जाये प्रोटेस्ट कैंसर की परेशानी , और

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