तब घर में महसूस होने लगता है बुरी आत्माओं का साया
बुरी आत्मा हर घर में हो यह जरूरी नहीं होता हैं। मगर यह भी जरूरी नहीं कि आपको अपने घर में किसी नकारात्मक ताकतों की मौजूदगी का एहसास नहीं हो। मगर घर में कुछ ऐसी वस्तु होती हैं जो अनजाने में ही उसे नकारात्मक शक्तित को अपनी ओर आकर्षित कर लेती हैं। कई बर तो घर में कुछ नहीं होने पर भी मन में अकारण भय महसूस होता हैं,जो उस घर को बनाते वक्त किए गए भूल का ही नतीजा हो सकता हैं।
वास्तुशास्त्र के मुताबिक घर का ब्रह्म स्थान यानी मध्य भाग खाली होना चाहिए। मध्य भाग में भारी सामान हो या मध्य भाग भरा हुआ हो तो मन पर एक बोझ सा बना रहता हैं। वास्तुशास्त्र की मानें तो जिन घरों में पूर्व दिशा दोष पूर्ण होता हैं,उस घर के लोगों को उन्नति में रुकावट का सामना करना पड़ता हैं। इससे लोग कम आयु वाले हो सकते हैं।
घर में दक्षिण दिशा नीचा होने पर घर के लोगो के बीच कलह होता रहता हैं। महिलाओं में निराश की भावना अधिक हो जाती हैं। नकारात्मकता की वजह से मन में आत्महत्या की भावना भी आती हैं। इस तरह की स्थिति होने पर दक्षिण दिशा को ऊंचा रखना चाहिए। वही इस दिशा में भारी सामान रखकर इस दोष को दूर करना चाहिए। घर में उत्तर दिशा वास्तु दोष से पीड़ित होने पर मन अशांत रहता हैं,और ठीक से नींद भी नहीं आती हैं। मन में बुरे-बुरे विचार आते रहते हैं। घर में दक्षिण पूर्व कोण में किसी प्रकार का दोष होने पर घर अग्नि भय होता हैं।