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भय से मुक्ति के लिए आज करें मां कालरात्रि की पूजा

आज नवरात्रि का सातंवा दिन हैं नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग अलग स्वरूपों की पूजा की जाती हैं वही नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा होती हैं मां दुर्गा ने असुर रक्तबीज का वध करने के लिए कालरात्रि को अपने तेज से उत्पन्न किया था। इनकी उपासना से मनुष्य सर्वथ भय मुक्त हो जाता हैं
भय से मुक्ति के लिए आज करें मां कालरात्रि की पूजा

आपको बता दें, कि आज नवरात्रि का सातंवा दिन हैं वही नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग अलग स्वरूपों की पूजा की जाती हैं वही नवरात्रि के सातवें दिन होती हैं मां कालरात्रि की पूजा, बता दें कि मां कालरात्रि का नाम दो शब्दां से मिलकर बना हैं पहल हैं काल और रात्रि का अर्थ होता हैं अंधेरा, जिसका मतलब हैं अंधकारमय स्थितियों का विनाश करने वाली शक्ति हैं कालरात्रि। भय से मुक्ति के लिए आज करें मां कालरात्रि की पूजावही ऐसा कहा जाता हैं, मां दुर्गा ने असुर रक्तबीज का वध करने के लिए कालरात्रि को अपने तेज से उत्पन्न किया था। इनकी उपासना से मनुष्य सर्वथ भय मुक्त हो जाता हैं वही पश्चिम बंगाल में सप्तमी के दिन से देवी पंडालों को विशेष तौर पर सजाया जाता हैं वही इस दिन दुर्गा मां को खिचड़ी, पापड़, सब्जियां, बैंगन भाजा और रसगुल्ला का भोग लगाया जाता हैं।भय से मुक्ति के लिए आज करें मां कालरात्रि की पूजा

वही कालरात्रि अपने भक्तों पर पुत्रों के समान कृपा बरसाती हैं मां भक्तों की ग्रहों संबधित समस्याओं का निवारण करने के साथ ही शुभ फल प्रदान करने वाली हैं मां कालरात्रि का पूजन करने के साथ ही इस रात्रि संपूर्ण दुर्गा सप्तशती का पाठ करें वही ऐसा करने से मां की विशेष कृपा अपने भक्तो को प्राप्त होती हैं।भय से मुक्ति के लिए आज करें मां कालरात्रि की पूजा

जानिए मां कालरात्रि का मंत्र—
ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तु ते।।
जय त्वं देवि चामुण्डे जय भूतार्तिहारिणि।
जय सर्वगते देवि कालरात्रि नमोस्तु ते।।
धां धीं धूं धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी
क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि शां शीं शूं मे शुभं कुरु।।

आज नवरात्रि का सातंवा दिन हैं नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग अलग स्वरूपों की पूजा की जाती हैं वही नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा होती हैं मां दुर्गा ने असुर रक्तबीज का वध करने के लिए कालरात्रि को अपने तेज से उत्पन्न किया था। इनकी उपासना से मनुष्य सर्वथ भय मुक्त हो जाता हैं भय से मुक्ति के लिए आज करें मां कालरात्रि की पूजा

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