Samachar Nama
×

25 मई सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश से नौतपा शुरु

ज्योतिष के अनुसार रोहिणी नक्षत्र का अधिपति चंद्रमा और देवता ब्रह्मा है। सूर्य ताप, तेज का प्रतीक है, जबकि चंद्र शीतलता का। सूर्य जब चंद्र के नक्षत्र रोहिणी में प्रवेश करते है तो इससे वह उस नक्षत्र को अपने पूर्ण प्रभाव में लेते है। इस कारण से पृथ्वी को शीतलता प्राप्त नहीं हो पाती। सूर्य 25 मई की रात 8 बजकर 26 मिनट से रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा। इसके साथ ही ज्येष्ठ माह में सूर्य के वृषभ राशि के 10 अंश से लेकर 23 अंश 40 कला तक को नौतपा कहा जाता है।
 25 मई सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश से नौतपा शुरु

जयपुर। वैशाख माह में गर्मी पूरे चरम पर होती है, इस समय सूर्यदेव भीषण तेज से पृथ्वी को झुलसाते हैं जिससे ताप बढ़ता। ऐसे में ज्येष्ठ माह में आने वाले नौ दिन जिसे नौतपा कहते हैं, इन दिनों में भीषण गर्मी पडती है।

इस साल 25 मई को सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे जिसके साथ ही नौतपा भी प्रारंभ हो जाएगा। नौतपा वर्ष के 9 दिन होते हैं जिन दिनों में सूर्य पृथ्वी के सबसे निकट आ जाता है, जिस कारण से पृथ्वी पर भीषण गर्मी पड़ती है। इस बार नौतपा 25 मई से 3 जून तक रहेगा।

 25 मई सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश से नौतपा शुरु

सूर्य 25 मई से रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा जो  शनिवार की रात 8 बजकर 26 मिनट से रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा। इसके साथ ही ज्येष्ठ माह में सूर्य के वृषभ राशि के 10 अंश से लेकर 23 अंश 40 कला तक को नौतपा कहा जाता है। वैसे तो यह समय 15 दिन का होता है, क्योंकि सूर्य 15 दिनों तक रोहिणी नक्षत्र में रहेंगे,  लेकिन खगोलिय घटना के आधार पर प्रारंभ के नौ दिन ही नौतपा के होते हैं।  दसवें से पंद्रहवें दिन तक सूर्य का ताप कम होता जाता है।

 25 मई सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश से नौतपा शुरु

माना जाता है कि नौतपा के दौरान प्रचंड गर्मी होती है तो मानसून में अच्छी बारिश होने के आसार बनते हैं, वहीं यदि तपन कम हो तो वर्षा योग भी सामान्य ही रहता है। इस वर्ष नौतपा के दौरान बारिश के आसार बनेंगे।

 25 मई सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश से नौतपा शुरु
ज्योतिष के अनुसार रोहिणी नक्षत्र का अधिपति चंद्रमा और देवता ब्रह्मा है। सूर्य ताप, तेज का प्रतीक है, जबकि चंद्र शीतलता का। सूर्य जब चंद्र के नक्षत्र रोहिणी में प्रवेश करते है तो इससे वह उस नक्षत्र को अपने पूर्ण प्रभाव में लेते है। इस कारण से पृथ्वी को शीतलता प्राप्त नहीं हो पाती।

 25 मई सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश से नौतपा शुरु

ज्योतिष के अनुसार रोहिणी नक्षत्र का अधिपति चंद्रमा और देवता ब्रह्मा है। सूर्य ताप, तेज का प्रतीक है, जबकि चंद्र शीतलता का। सूर्य जब चंद्र के नक्षत्र रोहिणी में प्रवेश करते है तो इससे वह उस नक्षत्र को अपने पूर्ण प्रभाव में लेते है। इस कारण से पृथ्वी को शीतलता प्राप्त नहीं हो पाती। सूर्य 25 मई की रात 8 बजकर 26 मिनट से रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा। इसके साथ ही ज्येष्ठ माह में सूर्य के वृषभ राशि के 10 अंश से लेकर 23 अंश 40 कला तक को नौतपा कहा जाता है। 25 मई सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश से नौतपा शुरु

Share this story