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नासा का अंतरिक्षयान जूनो बृहस्पति को छूकर 2018 में समाप्त करेगा अपनी यात्रा

जयपुर। अंतरिक्ष में हर मिशन के पूरा करने लिए धरती से एक उपग्रह छोड़ा जाता है जिससे वह समस्त प्रकार कि जानकारी हमें दे सकें। ताकी हम ब्रह्मांड को जान सके कि आखिर इसका उद्धभव क्यों हुआ किसी कारण हुआ। इन्हीं सवालों का जवाब ढूंढने के लिए अंतरिक्ष में भेजे जाते है। एक ऐसे हि
नासा का अंतरिक्षयान जूनो बृहस्पति को छूकर 2018 में समाप्त करेगा अपनी यात्रा

जयपुर। अंतरिक्ष में हर मिशन के पूरा करने लिए धरती से एक उपग्रह छोड़ा जाता है जिससे वह समस्त प्रकार कि जानकारी हमें दे सकें। ताकी हम ब्रह्मांड को जान सके कि आखिर इसका उद्धभव क्यों हुआ किसी कारण हुआ। इन्हीं सवालों का जवाब ढूंढने के लिए अंतरिक्ष में भेजे जाते है। एक ऐसे हि मिशन के लिए नासा ने एक यान जो सौर ऊर्जा से चलता है इसको बृहस्पति कि जानकारीयों के लिए छोड़ा गया है। इसका नाम जूनो है।नासा का अंतरिक्षयान जूनो बृहस्पति को छूकर 2018 में समाप्त करेगा अपनी यात्रा

यह यान हाल ही में   पहली बार बृहस्पति के सबसे निकट से उड़ान भरने में सफलता प्राप्त की। अंतरिक्षयान ग्रहों के राजा कहे जाने वाले बृहस्पति के महज 4,200 किलोमीटर के ऊपर से गुजरा है। आपोक बता दे कि ऐसा पहली बार हुआ है जब मानव निर्मित कोई यान इस ग्रह के इतने निकट से गुजरा है NASA ने कहा कि अब जूनो की जूम तकनीक काम कर रही। जो बृहस्पति का अवलोकन करेगा। वैज्ञानिकों ने बताया कि जूनो 2,08,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गैस से भरे विशाल ग्रह को छूकर गुजरा।नासा का अंतरिक्षयान जूनो बृहस्पति को छूकर 2018 में समाप्त करेगा अपनी यात्रा

वैज्ञानिकों ने बताया कि जूनो का मिशन इसी साल 2018 में समाप्त होगा। जानकारी के अनुसार यह यान बृहस्पति के निकट से 35वें बार गुजरेगा। सान अंटोनियो के दक्षिणपश्चिम अनुसंधान संस्थान में जूनो के प्रमुख अनुसंधानकर्ता स्कार्ट बालटन ने बताया कि बृहस्पति के निकट से गुजरने के बाद जो आंकड़ें हमें प्राप्त हुए हैं, उन्हें डाउनलोड  करने में कुछ दिन लगेंगे तभी इस बात का पता लगाया जा सकता है कि जूनो और बृहस्पति हमसे क्या कहने का प्रयास कर रहे हैं।’ नासा का अंतरिक्षयान जूनो बृहस्पति को छूकर 2018 में समाप्त करेगा अपनी यात्रा

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