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नारद जयंती: जानें कब है नारद जयंती व क्या है इनके नाम का अर्थ

आने वाली 20 मई के दिन नारद जयंती मनाई जाएगी। शास्त्रों में नारद मुनि का जन्म सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी की गोद से हुआ। नारद मुनि को ब्रह्मा जी के सात मानस पुत्रों में से एक माना गया है। देवताओं के ऋषि होने के कारण इनको देवर्षि भी कहा जाता है। नारद मुनि का मुख्य उद्देश्य भक्त की पुकार को भगवान विष्णु तक पहुंचाना होता है। नार यानि जल होता है। ये सभी को जलदान, ज्ञानदान व तर्पण करने में मदद करने के कारण ये नारद कहलाए।
 नारद जयंती: जानें कब है नारद जयंती व क्या है इनके नाम का अर्थ

जयपुर। आने वाली 20 मई के दिन नारद जयंती मनाई जाएगी। शास्त्रों में नारद मुनि के जन्म के बारे में कहा गया है कि इनका जन्म सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी की गोद से हुआ। नारद मुनि को ब्रह्मा जी के सात मानस पुत्रों में से एक माना गया है। इसके साथ ही ये देवताओं के ऋषि होने के कारण इनको देवर्षि भी कहा जाता है।

 नारद जयंती: जानें कब है नारद जयंती व क्या है इनके नाम का अर्थ

नारद को भगवान विष्णु का परम भक्त माना जाता है। नारद मुनि का मुख्य उद्देश्य भक्त की पुकार को भगवान विष्णु तक पहुंचाना होता है। नार यानि जल होता है। ये सभी को जलदान, ज्ञानदान व तर्पण करने में मदद करने के कारण ये नारद कहलाए। आज हम इस लेख में नारद जी से संबंधित एक कथा का वर्णन कर रहे हैं।

 नारद जयंती: जानें कब है नारद जयंती व क्या है इनके नाम का अर्थ

एक पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार देवर्षि नारद वैकुंठधाम गए और श्रीहरि को प्रणाम कर कहा विष्णु जी से कहा, ‘प्रभु मैं दुखी हूं। मैं देख रहा हूं कि पृथ्वी पर धर्म के मार्ग पर चलने वाले लोगों का भला नहीं होता है। वहीं गलत काम करने वाले लोगों का भला होता है।’

 नारद जयंती: जानें कब है नारद जयंती व क्या है इनके नाम का अर्थ

तब श्रीहरि ने कहा, ‘ऐसा नहीं है देवर्षि, जो भी हो रहा है सब नियति के जरिए हो रहा है। ‘श्री हरि ने पूछा, ‘आपने ऐसा क्या देख लिया?’ नारद ने कहा, ‘मैंने देखा कि जंगल के दलदल वाली जमीन में एक गाय फंसी हुई थी। उसके पास से एक चोर गुजरा। गाय को दलदल में फंसी देखकर उसने उसकी कोई मदद नहीं की। उल्टे वह उस पर पैर रखकर दलदल लांघकर निकल गया। आगे जाकर चोर को सोने की मोहरों से भरी एक थैली मिली। थोड़ी देर बाद वहां से एक वृद्ध साधु गुजरे। उन्होंने गाय को बचाने की पूरी कोशिश की। मैंने देखा कि गाय को दलदल से निकालने के बाद वह साधु आगे गया, तो एक गड्ढे में गिर गया। यह कौन सा न्याय हुआ?’

 नारद जयंती: जानें कब है नारद जयंती व क्या है इनके नाम का अर्थ

आने वाली 20 मई के दिन नारद जयंती मनाई जाएगी। शास्त्रों में नारद मुनि का जन्म सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी की गोद से हुआ। नारद मुनि को ब्रह्मा जी के सात मानस पुत्रों में से एक माना गया है। देवताओं के ऋषि होने के कारण इनको देवर्षि भी कहा जाता है। नारद मुनि का मुख्य उद्देश्य भक्त की पुकार को भगवान विष्णु तक पहुंचाना होता है। नार यानि जल होता है। ये सभी को जलदान, ज्ञानदान व तर्पण करने में मदद करने के कारण ये नारद कहलाए। नारद जयंती: जानें कब है नारद जयंती व क्या है इनके नाम का अर्थ

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