पढ़ें नागेश्वर पंचमी की पूर्ण व्रत कथा और महत्व
25 फरवरी दिन शुक्रवार यानी कल नागेश्वर पंचमी का व्रत रखा जाएगा। यह दिन विशेष रूप से भगवान शिव की आराधना को समर्पित होता हैं फल फाल्गुन माह के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि मनाई जाएगी। इस तिथि पर शिव के नागेश्वर रूप की पूजा की जाती हैं। वही शुक्लपक्ष की पंचमी पर भोलेनाथ कैलाश पर्वत पर निवास करते हैं। पूर्ण तिथि होने के कारण इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया हैं। बता दें कि इस दिन पूरे विधि विधान के साथ शिव के नागेश्वर स्वरूप की आराधना करने से शिव भक्तों की सभी परेशानियों और कष्ट शिव समाप्त करते हैं। नागेश्वर पंचमी पर जानिए इस पंचमी की पूर्ण व्रत कथा और महत्व।
जानिए नागेश्वर पंचमी की पूर्ण व्रत कथा—
बता दें कि शिव ग्रंथों की कथा के मुताबिक शिव भक्त वैश्य सुप्रिय अपने सारे कार्य शिव भगवान को अर्पित करता था। उसकी शिव भक्त से दारुक नाम दैत्य क्रोधित होकर सुप्रिय की पूजा पाठ में रुकावटें पैदा करता था। एक दिन दारुक ने सुप्रिय को कैद कर दिया, मगर उसकी शिव पूजा निरंतर चलती रही। इस पर दारुक ने सुप्रिय को मृत्यु दंड दिया।
भोलेनाथ ने सुप्रिय की रक्षा के लिए कारागार में चमकते हुए सिंहासन पर स्थित होकर ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए व सुप्रिय को पाशुपतास्त्र प्रदान किया। जिससे सुप्रिय ने दारुक का अंत कर दिया। जहां शिव प्रकट हुए थे वहां अपने आप शिवलिंग बन गया। इसके बाद भोलेनाथ की इच्छा से ही वहां नागेश्वर रूप में उनकी पूजा की जाने लगी।