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तेलुगू फिल्मोद्योग में आत्महत्याओं पर रोशनी डालती नागा झांसी की आत्महत्या

तेलुगू फिल्मोद्योग में आत्महत्या के लगातार सामने आ रहे मामलों में नागा झांसी की आत्महत्या ताजा घटना है। अबतक 21 आत्महत्याएं हो चुकी हैं। फिल्म और टेलीविजन की इन युवा हस्तियों ने काम के अभाव, पैसे की तंगी, या व्यक्तिगत कारणों से अपनी जिंदगी खत्म करने का कदम उठाया है। धारावाहिक ‘पवित्र बंधन’ में काम
तेलुगू फिल्मोद्योग में आत्महत्याओं पर रोशनी डालती नागा झांसी की आत्महत्या

तेलुगू फिल्मोद्योग में आत्महत्या के लगातार सामने आ रहे मामलों में नागा झांसी की आत्महत्या ताजा घटना है। अबतक 21 आत्महत्याएं हो चुकी हैं। फिल्म और टेलीविजन की इन युवा हस्तियों ने काम के अभाव, पैसे की तंगी, या व्यक्तिगत कारणों से अपनी जिंदगी खत्म करने का कदम उठाया है। धारावाहिक ‘पवित्र बंधन’ में काम कर चुकीं झांसी बुधवार को अपने घर के एक कमरे में पंखे से लटकी मिली थीं। झांसी के रिश्तेदारों के मुताबिक, प्यार में विफलता के कारण उसने आत्महत्या की।

रपट के मुताबिक, दिसंबर 2017 में, 38 वर्षीय तेलुगू फिल्म कॉमेडियन के. विजय साई एक अपार्टमेंट में मृत पाए गए थे। आत्महत्या से पहले रिकॉर्ड की गई एक वीडियो सेल्फी में, अभिनेता ने अपनी पत्नी को अपने इस कदम के लिए जिम्मेदार ठहराया था।

पिछले साल तेलुगू समाचार एंकर वी. राधिका रेड्डी ने अपने अपार्टमेंट की इमारत की पांचवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। उनके हैंडबैग से तेलुगू में लिखा सुसाइट नोट बरामद हुआ था। उसमें उन्होंने लिखा था कि उनका दिमाग ही उनका दुश्मन है और उनकी मौत के लिए कोई दूसरा जिम्मेदार नहीं है।

वर्ष 2014 में अभिनेता उदय किरण की आत्महत्या की खबर ने उद्योग को चौंका दिया था।

उनके असामयिक निधन और उनकी आत्महत्या पर प्रकाश राज, वेनेला किशोर, किचा सुदीप और खुशबू सुंदर जैसी हस्तियों ने सवाल खड़े किए थे -“क्या हमें जीने की वजह नहीं ढूढ़नी चाहिए” और “उन्हें ऐसा कदम उठाने पर मजबूर क्यों होना पड़ा? क्रूर तनाव।”

अभिनेता राहुल रवि व्यक्तिगत रूप से झांसी को नहीं जानते थे, लेकिन उनका कहना है कि उनके निधन की खबर ‘परेशान’ करने वाली है। उन्हें सामान्य तौर पर लगता है कि शोबिज में लोग अनुचित तनाव में हैं और इसलिए बॉक्स ऑफिस नंबरों पर ध्यान देने के बजाय ‘रचनात्मक संतुष्टि’ पर अधिक ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा, “बातचीत की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है। चाहे आप फिल्मों में काम कर रहे हों या घर पर हों, बातचीत होनी चाहिए (अगर कोई चीज आपको परेशान कर रही है तो)। सिनेमा का हिस्सा होने के नाते, मुझे पता है कि शुक्रवार (जब कोई फिल्म रिलीज होती है) को कलाकारों को कितने ज्यादा तनाव से गुजरना पड़ता है। हमें हर दिन दूसरे लोग देखते हैं।”

राहुल ने आईएएनएस से कहा, “दर्शक हमें रोज देख रहे हैं। वे हमारे बारे में राय बना रहे हैं। इसलिए, यह हमारे बीच बहुत तनाव पैदा करता है।”

बॉलीवुड में हाल के दिनों में सेलिब्रिटीज अपने मानसिक स्वास्थ्य को लेकर काफी मुखर रहे हैं।

अभिनेत्री दीपिका पादुकोण एक संस्था चलाती हैं, जिसकी स्थापना उन्होंने वर्ष 2015 में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से निपटने के लिए की थी।

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

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