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Nadwatul Ulama भी दे रहा बच्चों को ऑनलाइन तालीम

कोरोना संकट को देखते हुए नदवातुल उलमा भी दूसरे मुल्कों से आ रहे नौजवानों को ऑनलाइन तालीम दे रहा है। थाईलैण्ड, मलेशिया, सिंगापुर, बांग्लादेश, ब्रोनाई, अफ्रीका, अफगनिस्तान समेत अन्य कई मुल्कों के बच्चों को अपना वतन छोड़ने की जरूरत नहीं है। उन्हें घर बैठे यह सुविधा मिल रही है। नदवातुल उलमा के सहायक रजिस्ट्रार डा़
Nadwatul Ulama भी दे रहा बच्चों को ऑनलाइन तालीम

कोरोना संकट को देखते हुए नदवातुल उलमा भी दूसरे मुल्कों से आ रहे नौजवानों को ऑनलाइन तालीम दे रहा है। थाईलैण्ड, मलेशिया, सिंगापुर, बांग्लादेश, ब्रोनाई, अफ्रीका, अफगनिस्तान समेत अन्य कई मुल्कों के बच्चों को अपना वतन छोड़ने की जरूरत नहीं है। उन्हें घर बैठे यह सुविधा मिल रही है। नदवातुल उलमा के सहायक रजिस्ट्रार डा़ हारून राशिद ने आईएएनएस से बताचीत में कहा कि कोरोना संकट को देखते हुए हमने अपने यहां ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली की शुरूआत अगस्त से की है। कोरोना का असर बच्चों की पढ़ाई पर न पड़े इसके लिए जूम ऐप के माध्यम से ऑनलाइन क्लासेज चल रही हैं। इसमें करीब 2000 बच्चों को लाभ मिल रहा है। कक्षाएं ग्रुपों के माध्यम से चलाई जा रही हैं। दूसरे मुल्कों से तकरीबन 125 बच्चे थे। लेकिन कोरोना संकट देखते हुए सब अपने मुल्क वापस चले गये। उन्हें ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है।

उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति को अपनाते हुए प्रधानाचार्य सईदुर्रहमान के दिशा निर्देशन में यह ऑनलाइन कक्षाएं चल रही है। कोरोना संकट के कारण जो छात्र परीक्षाओं में शामिल न हो सके उनकी परीक्षाएं भी ऑनलाइन माध्यम से कराईं जानी है। वह घर बैठकर परीक्षा दे सकेंगें। डिग्री के लिए भी बच्चे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए हेल्प नम्बर भी जारी किये गये हैं। ऑनलाइन शिक्षा के लिए नदवातुल उलमा परिसर में जदीद दर्सगाह में कन्ट्रोल रूम बनया गया है। जहां से सारी ऑनलाइन व्यवस्थाएं संचालित होती हैं।

हारून ने बताया कि अभी अपने मुल्क व दूसरे मुल्कों को कुल मिलाकर हमारी 414 शाखांए है, जिसमें 36 लड़कियों की ब्रांच भी शामिल है। वह हमारे पाठ्यक्रम के आधार पर शिक्षा देते हैं। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति हमारी कमेटी के पास है। उसके बारे में अध्ययन जारी है।

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

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