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म्यांमार में रोहिंग्या नरसंहार को लेकर जांच रिपोर्ट की गई पेश

म्यांमार में साल 2017 में रोहिंग्या समुदाय पर की गई हिसंक कार्रवाई पर जहां यह मामला अंतराष्ट्रीय अदालत में चल रहा है तो दूसरी तरफ म्यांमारसरकार द्वारा गठित चार सदस्यों वाले इंडिपेंडेट आयोग ने अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए इसे नरसंहार ना मानते हुए इसे म्यांमार की सेना के कुछ जवानों के द्वारा युद्धात्मक अपराध किया जाना माना है।
म्यांमार में रोहिंग्या नरसंहार को लेकर जांच रिपोर्ट की गई पेश

जयपुर।म्यांमार में साल 2017 में की गई सैन्य ​को लेकर जहां मामला अंतराष्ट्रीय अदालत में विचाराधीन चल रहा है वहीं दूसरी तरफ म्यांमार के रखाइन प्रांत में रोहिंग्या समुदाय के खिलाफ हुई कार्रवाई की जांच के लिए सरकार द्वारा गठित चार सदस्यों वाले इंडिपेंडेट आयोग ने अपनी रिपोर्ट पेश की है। चार सदस्यों वाले इंडिपेंडेंट कमीशन ऑफ इंक्वायरी आयोग ने जांच में इस बात को बताया है कि रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ म्यांमार की सेना के कुछ जवानों ने

म्यांमार में रोहिंग्या नरसंहार को लेकर जांच रिपोर्ट की गई पेशयुद्धात्मक अपराध किया है।इसके साथ इस जांच आयोग ने सेना की इस कार्रवाई को दी जाने वाली नरसंहारात्क कार्रवाई मानने से स्पष्ट तौर पर इन्कार कर दिया है।म्यांमार के इस नरसंहार के लिए बनाए गए इस जांच आयोग में दो विदेशी नागरिकों समेत चार सदस्यों का चयन किया गया था।

म्यांमार में रोहिंग्या नरसंहार को लेकर जांच रिपोर्ट की गई पेशइस जांच आयोग की रिपोर्ट में इस सैन्य कार्रवाई को नरसंहार ना मानते हुए रोहिंग्या मुसलमानों के मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन बताया है।जिसमें कि निर्दोष ग्रामीणों की हत्या कर दी गई और कई परिवारों को बेघर होना पड़ा था।हालांकि रोहिंग्या समुदाय के खिलाफ बड़े स्तर पर हुई इस हिंसा के बाद मिली शिकायतों के बीच म्यांमार की यह पहली

म्यांमार में रोहिंग्या नरसंहार को लेकर जांच रिपोर्ट की गई पेशजांच रिपोर्ट सामने आई है और इस जांच रिपोर्ट में भी कही न कहीं म्यांमार की सेना को ही दोषी माना गया है।म्यांमार के द्वारा पेश की गई इस रिपोर्ट के बाद मानवाधिकार संगठनों ने इसके समय को लेकर सवाल उठाते हुए इस बात का

म्यांमार में रोहिंग्या नरसंहार को लेकर जांच रिपोर्ट की गई पेशआरोप लगाया है कि यह इसी मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय अदालत में जारी सुनवाई के बीच ध्यान भटकाने की एक कोशिश है।क्योंकि अंतराष्ट्रीय अपराध अदालत में इस मामले पर सुनवाई हो रही है और जल्द ही इसका फैसला भी आने वाला है।

म्यांमार में साल 2017 में रोहिंग्या समुदाय पर की गई हिसंक कार्रवाई पर जहां यह मामला अंतराष्ट्रीय अदालत में चल रहा है तो दूसरी तरफ म्यांमारसरकार द्वारा गठित चार सदस्यों वाले इंडिपेंडेट आयोग ने अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए इसे नरसंहार ना मानते हुए इसे म्यांमार की सेना के कुछ जवानों के द्वारा युद्धात्मक अपराध किया जाना माना है। म्यांमार में रोहिंग्या नरसंहार को लेकर जांच रिपोर्ट की गई पेश

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