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Myanmaar: म्यांमार की सेना ने मशहूर कॉमेडियन को किया गिरफ्तार

म्यांमार के अधिकारियों ने देश के सबसे प्रसिद्ध हास्य कलाकार को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया क्योंकि वे फरवरी में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ जारी देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों में शामिल उस हर इंसान को मार देते है या गिरफ्तार कर लेते है जो भी उनके खिलाफ आवाज उठाने की जुर्रत करता है। कॉमेडियन ज़ारागनर को
Myanmaar: म्यांमार की सेना ने मशहूर कॉमेडियन को किया गिरफ्तार

म्यांमार के अधिकारियों ने देश के सबसे प्रसिद्ध हास्य कलाकार को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया क्योंकि वे फरवरी में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ जारी देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों में शामिल उस हर इंसान को मार देते है या गिरफ्तार कर लेते है जो भी उनके खिलाफ आवाज उठाने की जुर्रत करता है।Myanmaar: म्यांमार की सेना ने मशहूर कॉमेडियन को किया गिरफ्तार

कॉमेडियन ज़ारागनर को उनके घर से यांगून में पुलिस और सैनिकों द्वारा ले जाया गया था, जो दो सेना के वाहनों में पहुंचे थे, साथी कॉमेडियन नेगेपीवॉव ने अपने फेसबुक पेज पर  देते हुए कहा। ज़ारगनर एक तेज-तर्रार व्यंग्यकार है जो जेल में अंदर बाहर रहे है, क्योंकि वह इससे पहले हुए साल 1988 के विफल सैन्य तानाशाही के खिलाफ विद्रोह करने में सक्रीय रहे थे। उन्हें उनके द्वारा किये गए सामाजिक कार्यों के लिए भी जाना जाता है, विशेष रूप से 2008 में साइक्लोन नरगिस के पीड़ितों के लिए सहायता की व्यवस्था करने के लिए।Myanmaar: म्यांमार की सेना ने मशहूर कॉमेडियन को किया गिरफ्तार

पिछले सप्ताह में, जुंटा ने देश के स्थायित्व और कानून के शासन को कमजोर करने वाली जानकारी फैलाने के आरोप में साहित्य, फिल्म, थिएटर कला, संगीत और पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय लगभग 100 लोगों के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं यह तुरंत स्पष्ट नहीं था कि ज़ारगनार, जिनका असली नाम माउंग थुरा है, पर क्या आरोप लगाया गया है। सोशल मीडिया पर पोस्ट हुई कई रिपोर्टों के अनुसार, हर दिन कई सामान्य प्रदर्शनकारियों और कार्यकर्ताओं को भी गिरफ्तार किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर पोस्ट हुई कई रिपोर्टों के अनुसार, हर दिन कई सामान्य प्रदर्शनकारियों और कार्यकर्ताओं को भी गिरफ्तार किया जा रहा है।Myanmaar: म्यांमार की सेना ने मशहूर कॉमेडियन को किया गिरफ्तारम्यांमार का इस विद्रोह से दो चीज़े तो जाहिर तौर पर देखने को हमे मिलती है। पहली तो ये की आजादी की कीमत कितनी बड़ी होती है। आज हमारे मुल्क में तो लोकतंत्र की बात करने पर ही कान बंद कर लिए जाते है। दूसरी बात ये की, म्यानामर पीस रहा है, मिट रहा है, लेकिन बाहर से कोई ऐसी सहायता इसकी नहीं कर रहा है, जिसके दम पर वो एक बार फिर से लोकतंत्र की ताज़ी हवा को ले सके।

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