म्यूजिक है कई बीमारियों का इलाज नहीं है यकीन तो खुद देखें आजमा कर
जयपुर । म्यूजिक एक प्रकार की थेरेपी है । ये थेरेपी कई बीमारियों का इलाज़ है । संगीत कोई ऐसी वैसी चीज़ नहीं है । यह आपके सुख में दुख में हर तरह के आलम में आपका साथ निभाता है । आपने अक्सर देखा होगा की कई लोग कोई भी काम करते हैं तो वह अपने कानों में संगीत को चला कर काम करना पसंद करते हैं । ऐसे लोगों को पागल भी कहा जाता है । पर लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है की यह ह आमरे शरीर को और हमारे मन को कितना फाइदा करता है ।
आज हम आपको इस बारे में कुछ खास जानकारी देने जा रहे हैं आज हम आपको ब्वाटने जा रहे हैं की संगीत किसी थेरेपी से कम नहीं है । ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं की किस तरह से यह हमारे लिए थेरेपी का काम करता है । आइये जानते हैं इस बारे में ।
म्यूजिक वास्तव में विभिन्न वायब्रेशन्स की सीरीज है, जो साउंड क्रिएट करते हैं। चूंकि शरीर इन वायब्रेशन्स को ग्रहण करता है, इसलिए इससे कई शारीरिक बदलाव भी होते हैं। म्यूजिक के प्रकार पर निर्भर करते हुए ये बदलाव अच्छे या बुरे हो सकते हैं। जहां शांत संगीत तनाव घटाता है और बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है, वहीं ज्यादा शोर वाला संगीत लोगों को गुस्सैल बनाता है और आत्महत्या वाले विचार पैदा करता है। हालांकि संगीत के शरीर पर होने वाले असर का अब तक अध्ययन जारी है।
जब कोई मान्यता प्राप्त म्यूजिक थेरेपिस्ट अपने विभिन्न प्रकार के म्यूजिक की मदद से इन्सान को उसकी परेशानी या बीमारी से उबरने में सहायता करता है तो इसे म्यूजिक थेरेपी कहते हैं। म्यूजिक थेरेपिस्ट इस बात का गहरा जानकार होता है कि किस तरह संगीत लोगों में भावनात्मक प्रतिक्रियाएं पैदा कर उन्हें आराम और सुकून पहुंचा सकता है। म्यूजिक थेरेपिस्ट, इन्सान की बीमारी के हिसाब से उस म्यूजिकल स्टाइल का पता लगाता है, जो मरीज को ध्यान की अवस्था में पहुंचा सके और उसके लिए फिजिकल रिहेब सेशन के रूप में काम कर सके। है। म्यूजिक थेरेपिस्ट पता लगा लेते हैं कि मरीज को किस तरह का म्यूजिक पसंद है।