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धरती की ओर बढ़ रहा है एक छोटा सा ऐस्टरॉयड जिसकी चौड़ाई बमुश्किल 10 मीटर है

जयपुर। कई ग्रह हैं जो धरती से टक्कराने कि कोशिश कर रहे है। कई ग्रह है जो टकराते टकराते बच गये है। और कई बार हमारे यान जो अंतरिक्ष में उनके वजह से हमारी धरती बच जाती है। और ऐसे ही अगर कोई बड़ा ग्रह धरती से टक्करा जाता है तो हम उसके लिए कितने
धरती की ओर बढ़ रहा है एक छोटा सा ऐस्टरॉयड जिसकी चौड़ाई बमुश्किल 10 मीटर है

जयपुर। कई ग्रह हैं जो धरती से टक्कराने कि कोशिश कर रहे है। कई ग्रह है जो टकराते टकराते बच गये है। और कई बार हमारे यान जो अंतरिक्ष में उनके वजह से हमारी धरती बच जाती है। और ऐसे ही अगर कोई बड़ा ग्रह धरती से टक्करा जाता है तो हम उसके लिए कितने  तैयार है इसका जवाब अभी तक नहीं मिला है। लेकिन कई वैज्ञानिकों का कहना है इसका जवाब दुनिया को ज्लद ही पता चल जायेगा। भविष्य में ऐसी स्थिति से निपटने के लिए खुद को तैयार करने के लिए NASA और बाकी अंतरिक्ष एजेंसियां जल्द ही एक बड़ा परीक्षण करने जा रही हैं।धरती की ओर बढ़ रहा है एक छोटा सा ऐस्टरॉयड जिसकी चौड़ाई बमुश्किल 10 मीटर है

यह परीक्षण धरती पर ना हो कर बल्कि ब्रह्मांड के अंदर वास्तविक स्थितियों में किया जाएगा। वैज्ञानिकों की जानकारी के अनुसार अक्टूबर में एक छोटा ऐस्टरॉयड धरती के पास से गुजरने वाला है। तो NASA व बाकी एजेंसियां पता लगाने की कोशिश कर रही है कि भविष्य में किन तरीकों और तकनीकों से धरती को खगोलीय पिंडों के खतरे से बचाया जा सकेगा है। तो जो ऐस्टरॉयड टकराने वाला है उसी के साथ के परीक्षण करेंगे और समझने की कोशिश करेंगे कि इससे भी बड़े खतरे को किस प्रकार से निपटा जा सकता है।धरती की ओर बढ़ रहा है एक छोटा सा ऐस्टरॉयड जिसकी चौड़ाई बमुश्किल 10 मीटर है

इस ऐस्टरॉयड से इंसान पहली बार लाइव परीक्षण करेगा और धरती को बचाने की पूरी कोशिश करेगा।  अब देखना ये है कि किस तरह से रणनीतियां बना कर इन क्षुद्रग्रह से  निपटा जा सकता है। आपको  जानकारी के लिए बता दे कि इस ऐस्टरॉयड का नाम 2012 TC4 रखा गया है। यह काफी छोटा है और इसकी चौड़ाई बमुश्किल 10 मीटर है। यह पत्थर धरती के कितने पास से गुजरेगा।धरती की ओर बढ़ रहा है एक छोटा सा ऐस्टरॉयड जिसकी चौड़ाई बमुश्किल 10 मीटर है

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