Samachar Nama
×

Mount Everest Tourism:कोरोना वायरस के चलते माउंट एवरेस्ट पर्यटन क्षेत्र इस बार खाली

जयपुर।नेपाल का पर्यटन उद्योग इस देश की अर्थ व्यवस्था में बड़ा सहयोग करता है।नेपाल में अधिकांश पर्वतारोही पर्यटक आते है, जो कि पफी जैकेट पहनकर यहां स्थित माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई करते है।लेकिन इस साल कोरोना वायरस महामारी के कारण माउंट एवरेस्ट पर पर्यटको की कमी देखने को मिली है। कोरोना दौर में माउंट एवरेस्ट
Mount Everest Tourism:कोरोना वायरस के चलते माउंट एवरेस्ट पर्यटन क्षेत्र इस बार खाली

जयपुर।नेपाल का पर्यटन उद्योग इस देश की अर्थ व्यवस्था में बड़ा सहयोग करता है।नेपाल में अधिकांश पर्वतारोही पर्यटक आते है, जो कि पफी जैकेट पहनकर यहां स्थित माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई करते है।लेकिन इस साल कोरोना वायरस महामारी के कारण माउंट एवरेस्ट पर पर्यटको की कमी देखने को मिली है।

कोरोना दौर में माउंट एवरेस्ट पर्यटन क्षेत्र रहा खाली—
पिछले साल नेपाल पर्यटन उद्योग ने 2 बिलियन डॉलर से अधिक राजस्व जमा किया है, जो कि एशिया के देशों में पर्यटन में सबसे अधिक है।नेपाल में पर्यटन के क्षेत्र 1 मिलियन लोगों को रोजगार मिला हुआ है।लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के कारण नेपाल में स्थित मांउट ऐवरेस्ट का पर्यटन खाली क्षेत्र खाली रहा है।इस महामारी ने सब को रोक दिया और एवरेस्ट बेस कैंप तक जाने वालों की कमी के कारण हिमालय पर्यटन क्षेत्र निर्जन दिखाई दिया है।

पर्यटन में कमी के कारण लाखों लोगों का रोजगार प्रभावित—
कोरोना संक्रमण के कारण नेपाल का पर्यटन उद्योग प्रभावित हुआ है।पिछले साल की तुलना में मांउट एवरेस्ट पर इस बार कम पर्वतारोही दिखाई दिए है, जो कि पिछले साल हजारों की संख्या में थी।नेपाल के एसोसिएशन ऑफ़ फॉरेन एम्प्लॉयमेंट एजेंसीज़ के महासचिव सुजीत कुमार श्रेष्ठ ने बताया है कि ​यदि जल्दी कोरोना वैक्सीन नहीं मिलती है, तो नेपाल को पर्यटन से मिलने वाली आय घट सकती है, जो राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 30 प्रतिशत मदद करती है।पर्यटन के कारण नेपाल की अर्थव्यवस्था भारत की तुलना में लगभग 6 प्रतिशत तेजी से बढ़ती है।साल 2019 में 1 मिलियन पर्यटक देखे गए हैं, प्रत्येक व्यक्ति औसतन प्रतिदिन 50 डॉलर खर्च करता है।लेकिन कोरोना वायरस के कारण पर्यटन में कमी के चलते पर्यटन क्षेत्र से जुड़े करीब 8 लाख लोग अपनी नौकरी खो सकते है।

Share this story