ज्यादातर हवाई जहाजों का रंग सफेद ही क्यों होता है? जानिए इस रहस्य का वैज्ञानिक सच
हवाई यात्रा किसे पसंद नहीं होती है। लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि अधिकांश हवाई जहाज सफेद रंग में ही नज़र आते हैं। हालांकि कुछ रंग बिरंगे हवाई जहाज भी हमें देखने को मिलते हैं, लेकिन बात जब प्रतिशत की आती है तो फिर ज्यादातर हवाई जहाज सफेद रंग के ही होते हैं। अब आपको बता दे कि इसके पीछे बहुत सारे वैज्ञानिक तथ्य जुड़े हुए होते हैं। एक तथ्य के अऩुसार हवाई जहाज को ठंडा रखने में सफेद रंग अहम भूमिका निभाता है। गौरतलब है कि सफेद रंग ऊष्मा का बहुत ही कम अवशोषण करता है।
एक हवाई जहाज को कलर करने में लगभग 3 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपये तक का खर्चा आता है, यह जानकर आपको बहुत आश्चर्य होगा। कोई भी कंपनी एक विमान के कलर पर ही अगर इतना पैसा खर्च कर देगी तो उसके लिए यह घाटे का सौदा साबित हो जाएगा। इसके अलावा एक हवाई जहाज को पेंट करने में लगभग 3 से 4 हफ्ते का समय तो कम से कम लग ही जाता है। इन सभी नुकसानदायक तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अंत में एक ही हल निकलता है, सफेद रंग।
साथ ही ज्यादातर समय धूप में खड़े होने की वजह से हवाई जहाज का अन्य कोई भी दूसरा रंग धीरे-धीरे हल्का होने लगता है। केवल एक सफेद रंग ही ऐसा कलर है जिसके साथ ऐसी समस्या नहीं आती है। इसी वजह से ज्यादातर कंपनियां अपने हवाई जहाज को सफेद रंग देना मुनासिब समझती हैं। इसके अलावा समय-समय पर कंपनियां हवाई अपने जहाज खरीदती और बेचती रहती हैं। ऐसे में सफेद रंग होने की वजह से कंपनी का नाम बदलना काफी आसान हो जाता है।
विमान विशेषज्ञों की माने तो किसी और रंग का इस्तेमाल करने से हवाई जहाज का भार कुछ फीसदी बढ़ जाता है। वज़न में हुई इस आंशिक वृद्धि के कारण हवाई जहाज द्वारा की जा रही पेट्रोल की खपत भी बहुत बढ़ जाती है। वहीं दूसरी ओर सफेद रंग की वजह से हवाई जहाज में पेट्रोल की ख़पत थोड़ी कम होती है। कंपनियों के लिये यह बड़े पैमाने पर काफी मुनाफे का सौदा रहता है। इन सभी कारणों से हवाई जहाज का रंग सफेद ही रखा जाता है।