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इंटरनेट का अधिक इस्तेमाल से मस्तिष्क पर दुष्परिमाण

अनुसंधान में यह बात सामने आई है कि इंटरनेट, बोध के विशिष्ट क्षेत्रों में सघन एवं दीर्घकालिक परिवर्तन कर सकता है जिससे मस्तिष्क में परिवर्तन प्रतिबिम्बित हो सकते हैं। जो मानव की दिनचर्या को बिगाड़ता है।
इंटरनेट का अधिक इस्तेमाल से मस्तिष्क पर दुष्परिमाण

जयपुर। प्रकृति मानव को सब कुछ देती है, मानव हर दिशा में काम करने के लिए तत्पर रहता है लेकिन बार हमारे द्वारा विकसित किए गए साधन या कहें उपयोग कि चीजें हमें नुकसान पहुंचाने लगती है। आपको जान कर हौरानी होगी कि हमारे द्वारा अधिक समय तक लगातार इंटरनेट के इस्तेमाल ने स्वास्थ्य चक्र को बिगाड रहा है। आईए जानते इसके प्रमुख बातें –

इंटरनेट का अधिक इस्तेमाल से मस्तिष्क पर दुष्परिमाण  दरअसल, विज्ञान मानता है कि समझदार से समझदार, घोर प्रतिभाशाली व्यक्ति भी जीवन में अपने मस्तिष्क का आधा हिस्सा ही उपयोग में ले पाता है। बाकी आधा भाग जीवनभर अनुपयोगी ही रह जाता है। जब तक आधे हिस्से से काम करेंगे, कितने ही योग्य हों, हम जिंदगी की कुछ घटनाएं पकड़ नहीं पाएंगे।

इंटरनेट का अधिक इस्तेमाल से मस्तिष्क पर दुष्परिमाण

आपको बता दें कि अधिक समय तक इंटरनेट इस्तेमाल मस्तिष्क को इस तरह से परिवर्तित कर सकता है जिससे हमारा ध्यान, स्मृति और सामाजिक दृष्टिकोण प्रभावित हो सकता है। पत्रिका ‘वर्ल्ड साइकैट्री’ में प्रकाशित एक अनुसंधान में यह बात सामने आई है कि इंटरनेट, बोध के विशिष्ट क्षेत्रों में सघन एवं दीर्घकालिक परिवर्तन कर सकता है जिससे मस्तिष्क में परिवर्तन प्रतिबिम्बित हो सकते हैं।

इंटरनेट का अधिक इस्तेमाल से मस्तिष्क पर दुष्परिमाण

बता दें कि अनुसंधानकर्ताओं ने इसके साथ ही इसकी भी पड़ताल की कि ये परिकल्पनाएं किस सीमा तक हाल के मनोवैज्ञानिक, मनोरोग और न्यूरोइमेजिंग अनुसंधान के निष्कर्षों से समर्थित हैं। अनुसंधानकर्ताओं ने इस संबंध में अग्रणी परिकल्पनाओं की जांच की, कि किस तरह से इंटरनेट बोध प्रक्रियाओं को परिवर्तित कर सकता है।

इंटरनेट का अधिक इस्तेमाल से मस्तिष्क पर दुष्परिमाण

ऑस्ट्रेलिया के वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय के जोसेफ फर्थ ने कहा कि उदाहरण के लिए इंटरनेट से प्राप्त होने वाले संदेश हमें अपना ध्यान लगातार उस ओर लगाए रखने के लिए प्रेरित करते हैं। इसके परिणामस्वरूप यह एकल कार्य पर ध्यान बनाए रखने की हमारी क्षमता को कम कर सकता है। आप यह करें कि आसपास का वातावरण ऐसा हो जाए कि मस्तिष्क पूरी तरह से काम न करे तो योग का सहारा लीजिए।

इंटरनेट का अधिक इस्तेमाल से मस्तिष्क पर दुष्परिमाण

अनुसंधान में यह बात सामने आई है कि इंटरनेट, बोध के विशिष्ट क्षेत्रों में सघन एवं दीर्घकालिक परिवर्तन कर सकता है जिससे मस्तिष्क में परिवर्तन प्रतिबिम्बित हो सकते हैं। जो मानव की दिनचर्या को बिगाड़ता है। इंटरनेट का अधिक इस्तेमाल से मस्तिष्क पर दुष्परिमाण

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