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मोक्षदा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा से पूर्वजों को भी मिलता है फल

मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी के रूप में मनाया जाता हैं। इस पावन पर्व के दिन को मोक्ष प्राप्ति का दिन माना जाता हैं इसी दिन द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र में अर्जुन को गीता का उपदेश प्रदान किया था। इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती हैं मोक्षदा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा से पूर्वजों को फल की प्राप्ति होती हैं।
मोक्षदा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा से पूर्वजों को भी मिलता है फल

आपको बता दें कि मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी के रूप में मनाया जाता हैं। इस पावन पर्व के दिन को मोक्ष प्राप्ति का दिन माना जाता हैं इसी दिन द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र में अर्जुन को गीता का उपदेश प्रदान किया था। इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती हैंमोक्षदा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा से पूर्वजों को भी मिलता है फल मोक्ष प्राप्ति के लिए इस व्रत को सबसे पुण्यकारी माना जाता हैं। वही इस दिन से गीता पाठ का अनुष्ठान आरंभ करें और रोजाना गीता अवश्य ही पढ़ें। श्रीमद्भागवत गीता दुनिया का एकमात्र ऐसा ग्रंथ हैं जिसकी जयंती मनाई जाती हैं। मान्यताओं के मुताबिक इस व्रत का फल पूर्वजों को भी प्राप्त होता हैं।मोक्षदा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा से पूर्वजों को भी मिलता है फल

वही मोक्षदा एकादशी पर उपवास रखकर भगवान श्री हरि विष्णु के नाम का संकीर्तन करें। रात्रि जागरण करें। इस उपवास में सुबह स्नान कर सूर्यदेवता को जल अर्पित करें। पीले वस्त्र धारण कर भगवान विष्णु की पूजा करें। भगवान विष्णु को पीले पुष्प, पंचामृत और तुलसी दल अर्पित करें। श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करें। मोक्षदा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा से पूर्वजों को भी मिलता है फलनिर्धनों को अन्न वस्त्र का दान करें। यह व्रत स्वर्ग के द्वार खोलता हैं। इस दिन सुबह पूरे घर में गंगाजल छिड़कें। पूजा आराधना करने के बाद व्रत कथा जरूर सुनना चाहिए। वही इस एकादशी का पुण्य पितरों को अर्पित करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हो जाती हैं रात को दीपदान करें। इस एकादशी के व्रत के प्रभाव से जाने अनजाने में किए गए सभी पाप भी नष्ट हो जाते हैं। पूजा में तुलसी पत्तों को अवश्य शामिल करें। द्वादशी के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराएं। मोक्षदा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा से पूर्वजों को भी मिलता है फल

मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी के रूप में मनाया जाता हैं। इस पावन पर्व के दिन को मोक्ष प्राप्ति का दिन माना जाता हैं इसी दिन द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र में अर्जुन को गीता का उपदेश प्रदान किया था। इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती हैं मोक्षदा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा से पूर्वजों को फल की प्राप्ति होती हैं। मोक्षदा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा से पूर्वजों को भी मिलता है फल

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