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कब है मोहिनी एकादशी व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को विशेष माना गया हैं वही वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता हैं मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्री हरि विष्णु ने समुद्र मंथन के दौरान निकले अमृत को राक्षसों से बचाने के लिए मोहिनी का रूप धारण किया था इसलिए इ स
कब है मोहिनी एकादशी व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को विशेष माना गया हैं वही वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता हैं मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्री हरि विष्णु ने समुद्र मंथन के दौरान निकले अमृत को राक्षसों से बचाने के लिए मोहिनी का रूप धारण किया था इसलिए इ स दिन भगवान श्री विष्णु के मोहिनी स्वरूप की पूजा की जाती हैं तो आज हम आपको इस व्रत की पूजा विधि, मुहूर्त और महत्व बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।कब है मोहिनी एकादशी व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व

मान्यताओं के मुताबिक मोहिनी एकादशी व्रत रखने से जातक के सभी पापों का अंत हो जाता है और मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं धीरे धीरे व्यक्ति मोहजाल से मुक्त होकर मोक्ष की राह की ओर अग्रसर होने लगता हैं इस बार मोहिनी एकादशी का व्रत 23 मई को पड़ रहा है।कब है मोहिनी एकादशी व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व

जानिए शुभ मुहूर्त—
एकादशी तिथि आरंभ— 22 मई 2021 को सुबह 09ः15 बजे से
एकादशी तिथि समाप्त— 23 मई 2021 को सुबह 06ः42 बजे तक
पारण मुहूर्त— 24 मई सुबह 05ः26 बजे से सुबह 08ः10 बजे तककब है मोहिनी एकादशी व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व

एकादशी की पूजन विधि—
व्रत रहने वाले लोगों को एक दिन पहले से व्रत के नियमों का पालन करना शुरू कर देना चाहिए। दशमी तिथि के दिन सात्विक भोजन करें। भोग विलास की भावना त्यागकर भगवान श्री विष्णु का स्मरण करें। एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर भगवान के समक्ष व्रत का संकल्प करें। इसके बाद श्री विष्णु नारायण का विधिवत पूजन करें। उन्हें चंदन, अक्षत, पंचामृत, पुष्प, धूप, दीपक, नैवेद्य और पुष्प चढ़ाएं।कब है मोहिनी एकादशी व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व ​विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और मोहिनी एकादशी व्रत कथा पढ़ें। इसके बाद आरती करके क्षमा याचना करें। दिन भर व्रत नियमों का पालन करें और अगले दिन व्रत का पारण करें। एकादशी के दिन गीता का पाठ करना बहुत ही शुभ माना जाता हैं।कब है मोहिनी एकादशी व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व

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