Modi government को ग्रामीण जल संकट को समाप्त करने के लिए 213 प्रस्ताव मिले
केंद्र ने स्मार्ट वाटर सप्लाई मेजरमेंट को विकसित करने के लिए इनोवेटिव, मॉड्यूलर और लागत प्रभावी (कॉस्ट इफेक्टिव) समाधान बनाने की चुनौती के लिए विभिन्न भारतीय तकनीकी स्टार्ट-अप, एमएसएमई, कंपनियों और एलएलपी से 213 प्रस्ताव प्राप्त किए हैं। इस निगरानी प्रणाली को ग्रामीण स्तर पर तैनात किया जाना है। यह एक आईसीटी ग्रैंड चैलेंज का हिस्सा है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रोजेक्ट राष्ट्रीय जल जीवन मिशन की ओर से इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की साझेदारी में लॉन्च किया गया है।
इन 213 प्रस्तावों की अब मंत्रालय की ओर से नियुक्त जूरी समिति द्वारा जांच की जाएगी और प्रस्तावों का चयन किया जाएगा। महत्वाकांक्षी मिशन बुनियादी ढांचे के निर्माण के बजाय सेवा वितरण पर केंद्रित है।
इस तरह की तकनीकी चुनौती ग्रामीण क्षेत्रों में जल आपूर्ति प्रणालियों की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने का एक शानदार अवसर प्रदान करती है।
इस चुनौती के माध्यम से, केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में जल आपूर्ति की सेवा की निगरानी के लिए स्मार्ट ग्रामीण जल आपूर्ति इको-सिस्टम बनाने के लिए भारत के जीवंत आईओटी पारिस्थितिक तंत्र के दोहन के लिए आशान्वित है।
केंद्र ने कहा, “यह चुनौती जल जीवन मिशन के लिए काम करने और देश के हर ग्रामीण परिवार को कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से पीने योग्य पानी की आपूर्ति का आश्वासन देने का अवसर प्रदान करेगी।”
इस पायलट परियोजना का संचालन 100 गांवों में किया जाएगा। सबसे अच्छे समाधान (सॉल्यूशन) को 50 लाख और रनर अप को 20 लाख रुपये का नकद पुरस्कार मिलेगा।
केंद्र सरकार के प्रमुख कार्यक्रम जल जीवन मिशन (जेजेएम) को 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को कार्यात्मक घरेलू नल जल कनेक्शन (एफएचटीसी) प्रदान करने के लिए राज्यों के साथ साझेदारी में कार्यान्वित किया जा रहा है।
न्यूज स्त्रोत आईएएनएस