क्यों अवसादग्रस्त है यंग जनरेशन ?
आपने सोशल मीडिया पर एक क्वोटेशन तो पढ़ा हे होगा जो कहता है ” मिलेनियल्स आर सैड जनरेशन विथ हैप्पी पिक्चर्स “| इसी कथन को अभी एक ताज़ा स्टडी ने सत्य माना है |
कौन हैं मिलेनियल्स ?
मिलेनिएल्स को जनरेशन वाई भी कहा जाता है , इस केटेगरी में वे सभी लोग आते है जिनका जन्म 1981 से 1996 के बीच हुआ है |
ऑस्ट्रेलिया में हुई एक स्टडी के मुताबिक दुनिया में 78% मिलेनिएल्स अवसाद के शिकार है और उसका प्रमुख कारण नौकरी और रोमांटिक रिलेशनशिप है | इन लोगो में सोशल मीडिया का प्रेशर भी स्ट्रेस की एक बड़ी वजह है | पोलैंड की एक युनिवर्सिटी में हुई रिसर्च भी ये दावा करती है की सोशल मीडिया पर अपने जानकार लोगो के साथ अपनी ज़िन्दगी की तुलना करना इस जनरेशन को गहरे अवसाद की तरफ धकेलता है , इसके अलावा अन्हैल्थी लाइफ स्टाइल भी इसकी एक वजह है |
वही नौकरी में काम का बहुत ज़्यादा बोझ समय से पहले इन्हे बुढ़ापे की तारफ ले जा रहा है | कमज़ोर यादाश्त, अंधापन , हड्डियों के रोग इस उम्र के लोगो में बड़ी तेज़ी से उभर के सामने आ रहे है |
अमेरिका में इस समस्या की तरफ बेहद ध्यान दिया जा रहा हैं , वह की कंपनियां अपने एम्प्लाइज को विशेष सुविधएं दे रही है जैसे हैप्पी क्लब ज्वाइन करवाना , काम के घंटे और टारगेट्स कम करना , फ्लेक्सिबल वर्क आर आदि | हालांकि भारत में इस और कोई विशेष ध्यान नहीं दिया जा रहा जहां की ज्यादातर जनसँख्या इसी एज ग्रुप में है | और इसीलिए यहाँ पर यह और भी ज़्यादा चिंता का विषय है |