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माइक्रोसॉफ्ट ने समंदर के अंदर स्थापित किया अपना पहला डाटा सेंटर

जयपुर। आम तौर पर कंप्यूटर को गर्म होने से बचाने के लिए कूलिंग फैन का इस्तेमाल किया जाता है। अगर हद से ज्यादा ओवरहीटिंग होने लगे तो इसके लिए ज्यादातर मामलों में तरल कूलिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि डाटा सैंटर्स को ठंडा करने के लिए काम में ली जाने वाली यह तकनीक
माइक्रोसॉफ्ट ने समंदर के अंदर स्थापित किया अपना पहला डाटा सेंटर

जयपुर। आम तौर पर कंप्यूटर को गर्म होने से बचाने के लिए कूलिंग फैन का इस्तेमाल किया जाता है। अगर हद से ज्यादा ओवरहीटिंग होने लगे तो इसके लिए ज्यादातर मामलों में तरल कूलिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि डाटा सैंटर्स को ठंडा करने के लिए काम में ली जाने वाली यह तकनीक काफी महंगी औऱ जटिल होती है। दिग्गज आईटी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने हाल ही में इस समस्या का हल खोज लिया है।

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दरअसल कंपनी ने डाटा सेंटर को एक वटरटाइट सिलैंड्रिकल सैल में तब्दील कर दिया है। इस विशालकाय डाटा सिलेंडर को स्कॉटलैंड के तट पर पानी के अंदर तैनात किया गया है। बता दे कि माइक्रोसॉफ्ट ने 12 मीटर लम्बा एक डाटा सेंटर प्रोटोटाइप विकसित किया है। इसके भीतर 864 सर्वर्स लगाए गए हैं। इन सर्वर्स को 12 अलग अलग सर्वर रैक्स में लोड किया गया है।माइक्रोसॉफ्ट ने समंदर के अंदर स्थापित किया अपना पहला डाटा सेंटर

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस सिलेंडर को 36 मीटर पानी के अंदर रखा जाएगा। नैटिक (Natick) नामक यह परियोजना माइक्रोसॉफ्ट की खोज है। इस सिलैंड्रिकल सैल को ठंडा करने के लिए अलग अलग पाइप लगाए गए हैं। माइक्रोसॉफ्ट ने फ्रेंच समुद्री निर्माण कम्पनी नैवल ग्रुप (Naval Group) के साथ मिल कर इसे तैयार किया है। यह सेंटर हर वक्त कंट्रोल रूम से फाइबर ऑप्टिक केबल के जरिए कनैक्ट रहेगा।माइक्रोसॉफ्ट ने समंदर के अंदर स्थापित किया अपना पहला डाटा सेंटर

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