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पुरुषों को पार्टनर से कभी सुनने को नहीं मिलती ये बातें

जयपुर। आपको पता तो है ही कि महिलाओं को अपनी तरीफ सुनना बहुत पसंद होता है और ऐसे में उनकी तारीफ कुछ मिर्ची मसाला लगाकर की जाये तो बात ही अलग हो जाती है। बात के साथ माहोल भी खुशनुमा हो जाता है। और ये ऐसी बातें कई जगह से सुनने को मिल जाती हैं।
पुरुषों को पार्टनर से कभी सुनने को नहीं मिलती ये बातें

जयपुर। आपको पता तो है ही कि महिलाओं को अपनी तरीफ सुनना बहुत पसंद होता है और ऐसे में उनकी तारीफ कुछ मिर्ची मसाला लगाकर की जाये तो बात ही अलग हो जाती है। बात के साथ माहोल भी खुशनुमा हो जाता है। और ये ऐसी बातें कई जगह से सुनने को मिल जाती हैं। लेकिन शायद ये बातें लड़कियों और मैडमों को नहीं पता होता कि जैसे आपको तरीफ सुनने में अच्छा लगता है वैसे ही पुरूषों को भी अपनी तरीफ सुनना पसंद होता है। जनाब तारीफ सुनना हर किसी को पसंद होता है। घर हो या दफ्तर लड़कों की हालत देखकर, उनका दुखड़ा सुनकर यही प्रतीत होता है कि मानव सभ्यता के हजारों साल बीत जाने के बाद भी आजतक पुरुषों के कान कुछ बातें सुनने को तरस रहे हैं और वो बातें कौनसी हैं आज हम आपको बताते हैं।

पुरुषों को पार्टनर से कभी सुनने को नहीं मिलती ये बातेंजैसा कि आपको पता है कि एक लड़की की अलमारी कपड़ों से कितनी भी ओवरफ्लो क्यों न हो रही हो, लेकिन वो कभी नहीं कहेगी कि उसे शॉपिंग करने या कपड़े खरीदने की जरूरत नहीं है। यह एक कटु सत्य है और लड़कों के लिये पीड़ा का विषय भी है।

पुरुषों को पार्टनर से कभी सुनने को नहीं मिलती ये बातेंआपको बता दें कि मैडम द्वारा दिये हुए काम को आप मिस्टर परफेक्शनिस्ट की तरह पूरा कर दें या फिर करने की कितनी ही कोशिश क्यों न कर लें लेकिन अंतिम कुछ पलों में पुरुषों को यहीं सुनने को मिलता है, तुम कोई काम ढंग से नहीं करते। या कोई काम दो वो भी अच्छे से नहीं किया जाता है।

पुरुषों को पार्टनर से कभी सुनने को नहीं मिलती ये बातेंदफ्तर या किसी काम से थककर घर लौटे व्यक्ति को काम का स्ट्रेश और बॉस की फटकार झेलकर आना पड़ता है और वहीं अगर पत्नि हो या गर्लफ्रेंड किसी के मुंह से ये सुनने को मिल जाये कि आप थक गये होंगे आप थोड़ा आराम कर लो तो उस व्यक्ति की थकान पलभर में गायब हो जाती है। लेकिन ऐसा नहीं होता है।

पुरुषों को पार्टनर से कभी सुनने को नहीं मिलती ये बातें

बता दें कि पुरुषों के बीच ये बात बहुत ही मानी हुई है कि औरतों की हां में हां और न में न नहीं होती। पुरुषों की मानें तो महिलाओं को ये खुशफहमी होती है कि धरती का सारा बोझ उनके ही कंधों पर होता है। वो कभी अपने आप को नहीं कहती कि वो ठीक हैं।

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