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मेडिकल साइंस कर रही है तरक्क़ी, कुदरत से जुड़े टूट रहे है भ्रम

जयपुर। ईश्वर ने कुदरत की हर वस्तु बहुत ही जटिल तरीके से बनाई है। और बेहद अद्भुत बनाई है। इंसान चाहे जितनी भी तरक़्की कर ले लेकीन वह वैसी वस्तु नहीं बना सकता जो खुदा द्वारा बनाई गई है। इन सब में है सबसे अहम है इंसान का जन्म यानि दुनिया में ऐसी कोई ताक़त
मेडिकल साइंस कर रही है तरक्क़ी,  कुदरत से जुड़े टूट रहे है भ्रम

जयपुर। ईश्वर ने कुदरत की हर वस्तु बहुत ही जटिल तरीके से बनाई है। और बेहद अद्भुत बनाई है।  इंसान चाहे जितनी भी तरक़्की कर ले लेकीन वह वैसी वस्तु नहीं बना सकता जो खुदा द्वारा बनाई गई है। इन सब में है सबसे अहम है इंसान का जन्म यानि दुनिया में ऐसी कोई ताक़त नहीं जो इंसान को पैदा कर सके या इंसानी शरीर के किसी भी हिस्से को वो अलग से बना सके।मेडिकल साइंस कर रही है तरक्क़ी,  कुदरत से जुड़े टूट रहे है भ्रम

लेकीन वैज्ञानीकों द्वारा आज यह भ्रम टुट गया है। विज्ञान ने इतनी तरक़्क़ी कर ली है कि वो अब टेस्ट ट्यूब बेबी पैदा कर सकता है। क्लोन की मदद से एक ही इंसान जैसे कई इंसान भी बना सकता है। आज तो लैब में ही इंसान के शरीर के अंग बनाए जा रहे हैं।मेडिकल साइंस कर रही है तरक्क़ी,  कुदरत से जुड़े टूट रहे है भ्रम

ऐसा ही एक प्रयोग किया जा रहा है कैंब्रिज यूनिवर्सिटी की मोलिक्यूलर बायोलोजी लैब में जहां इंसान की चमड़ी से इंसान का दिमाग बनाने की कोशिश की जा रही है। यहां दिमाग का विकास उसी तरह से किया जा रहा है जैसे मां के पेट में एक बच्चे का होता है।मेडिकल साइंस कर रही है तरक्क़ी,  कुदरत से जुड़े टूट रहे है भ्रम

दरअसल इंसान के दिमाग में ये वो हिस्सा होता है जहां भाषा को समझने की सलाहियत होती है। और सोचने की प्रक्रिया दिमाग़ के इसी हिस्से में होती है। दूसरा हिस्सा है “हिप्पोकैंपस”  ये दिमाग का वो हिस्सा है जो याददाश्त और जज़्बात को कंट्रोल करता है। ये सभी हिस्से लैब में विकसित हो रहे इस दिमाग में भी हैं। पूरी तरह से तैयार होने पर ये बिल्कुल ऐसे ही लगेगा जैसे एक नौ महीने के बच्चे का दिमाग लगता है।

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