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मौनी अमावस्या पर बना ग्रहों का महासंयोग, इन उपायों से मिलेगा लाभ

ज्योतिष शास्त्र और धार्मिक नजरिए से देखा जाए तो यह तिथि बहुत ही पुण्यकारी मानी जाती हैं। मौनी अमावस्या की तिथि चुपचाप मौन धारण कर ऋषि मुनियों की तरह आचरण और स्नान करने के विशेष महत्व को बताती हैं इसी कारण इसे मौनी अमावस्या कहा जाता हैं। जातक की कुंडली के पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए इस तिथि का विशेष महत्व होता हैं।
मौनी अमावस्या पर बना ग्रहों का महासंयोग, इन उपायों से मिलेगा लाभ

ज्योतिषशास्त्र और धार्मिक नजरिए से देखा जाए तो यह तिथि बहुत ही पुण्यकारी मानी जाती हैं। मौनी अमावस्या की तिथि चुपचाप मौन धारण कर ऋषि मुनियों की तरह आचरण और स्नान करने के विशेष महत्व को बताती हैं इसी कारण इसे मौनी अमावस्या कहा जाता हैं।Related image वही जातक की कुंडली के पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए इस तिथि का विशेष महत्व होता हैं क्योंकि इस तिथि को तर्पण, स्नान, दान आदि के लिए बहुत ही पुण्य फलदायी माना जाता हैं किसी जातक की कुंडली में अगर पितृदोष हैं तो उससे मुक्ति के उपाय के लिए भी अमावस्या तिथि बहुत ही कारगर मानी जाती हैं, इसलिए इस मौनी अमावस्या का विशेष महत्व धर्म शास्त्रों में बताया गया हैं।Image result for मौनी अमावस्या बना ग्रहों का महासंयोग

जानिए मौनी अमावस्या पर ग्रहों का विशेष संयोग—
मौनी अमावस्या के पर्व पर मकर राशि में सूर्य चंद्रमा बुध की युति विशेष फलदाई होता हैं, इसी दिन ही शनि अपनी राशि मकर में प्रवेश करेंगे। मौनी अमावस्या का अमृत के समन स्नान मकर राशि में सूर्य चंद्रमा बुध और शनि के होने से ही होगा। इस दिन गुरु और केतु की युति धनु राशि में हो रही हैं इस मौनी अमावस्या पर तीर्थ स्थलों पर स्नान करना विशेष फलदाई होता हैं। मौनी अमावस्या पर बना ग्रहों का महासंयोग, इन उपायों से मिलेगा लाभमौनी अमावस्या पर सुबह के वक्त सूर्य उदय होने से पहले उठे और अपने स्नान के जल में दो बूंद गंगाजल डालकर स्नान करें और साफ सुथरे वस्त्रों को धारण करें। वही साफ आसन पर बैठकर पूर्व दिशा की ओर मुख करें और एक तांबे के लोटे में गंगाजल भरकर रखें। लाल चंदन या रुद्राक्ष की माला से गायत्रमी मंत्र का जाप तीन बार करें।
मौनी अमावस्या पर बना ग्रहों का महासंयोग, इन उपायों से मिलेगा लाभ

ज्योतिष शास्त्र और धार्मिक नजरिए से देखा जाए तो यह तिथि बहुत ही पुण्यकारी मानी जाती हैं। मौनी अमावस्या की तिथि चुपचाप मौन धारण कर ऋषि मुनियों की तरह आचरण और स्नान करने के विशेष महत्व को बताती हैं इसी कारण इसे मौनी अमावस्या कहा जाता हैं। जातक की कुंडली के पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए इस तिथि का विशेष महत्व होता हैं। मौनी अमावस्या पर बना ग्रहों का महासंयोग, इन उपायों से मिलेगा लाभ

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