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30 साल का प्रयास हुआ कामियाब मिल गई मलेरिया से निजात

इस तरीके के जरिये बचपन से ही मलेरिया के कतरे को दूर रखा जा सकेगा । इस टीके की लॉन्चिंग बच्चों को मलेरिया से बचाने के लिए शुरू किए गए पायलट प्रोजेक्ट का हिस्सा है। इस टीके का नाम RTS,S रखा गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि अफ्रीकी महाद्वीप के दो देशों घाना और केन्या में इस टीके की लॉन्चिंग अगले कुछ हफ्तों में होगी। दुनिया की इस घातक बीमारी से हर मिनट में दो बच्चों की मौत हो जाती है।
30 साल का प्रयास हुआ कामियाब मिल गई मलेरिया से निजात

जयपुर । आज विश्व मलेरिया दिवस है। इस बीमारी से भारत में हर साल 2 लाख मौतें होती है। विश्व मलेरिया दिवस की स्थापना मई 2007 में 60वें विश्व स्वास्थ्य सभा सत्र के दौरान की गई थी। यह बीमारी मच्छरों के कारण फैलती है। भारत दुनिया का चौथा ऐसा देश है जहां मलेरिया से सबसे ज्यादा मौतें होती हैं। भारत में मलेरिया के सबसे ज्यादा मामले उड़ीसा, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, त्रिपुरा और मेघालय और नॉर्थ ईस्ट के कई राज्यों से आते हैं।30 साल का प्रयास हुआ कामियाब मिल गई मलेरिया से निजात

मलेरिया एक जान लेवा बीमारी तो है पर इस बीमारी का खतरा इसलिए भी ज्यादा परेशानी खड़ी कर देने वाला रहता है क्योंकि यह मच्छर के काटने से फैलता है जिस बात का ध्यान रख पाना बच्चों का हो या बड़ों का इससे बचाव कर पाना बहुत ही मुश्किल हो जाता है । मच्छर तो सभी जगह होते हैं और इसी कारण इससे बचाव हो पाना मुश्किल होता है ।30 साल का प्रयास हुआ कामियाब मिल गई मलेरिया से निजात

पर अब इस बीमारी पर भी जीत हासिल की जा सकती है । अब तक इस बीमारी का बचाव सिर्फ और सिर्फ दवाओं का सहारा ही था जो लोग समय पर सजग हैं वह इस बीमारी से बच जाते हैं पर जो लोग नही है वह इस बीमारी के कारण मौत का शिकार भी हो जाते हैं वह इसके बुखार को सामान्य बुखार समझ कर नज़र अंदाज़ कर देते हैं । ऐसे में इस परेशानी का हल निकालने के लिए कई सालों से प्रयास रत वैज्ञानिको ने इसका तिनका खोज लिया आई ।30 साल का प्रयास हुआ कामियाब मिल गई मलेरिया से निजात

इस तरीके के जरिये बचपन से ही मलेरिया के कतरे को दूर रखा  जा सकेगा । इस टीके की लॉन्चिंग बच्चों को मलेरिया से बचाने के लिए शुरू किए गए पायलट प्रोजेक्‍ट का हिस्सा है। इस टीके का नाम RTS,S रखा गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि अफ्रीकी महाद्वीप के दो देशों घाना और केन्‍या में इस टीके की लॉन्चिंग अगले कुछ हफ्तों में होगी। दुनिया की इस घातक बीमारी से हर मिनट में दो बच्‍चों की मौत हो जाती है।30 साल का प्रयास हुआ कामियाब मिल गई मलेरिया से निजात

 

इस तरीके के जरिये बचपन से ही मलेरिया के कतरे को दूर रखा  जा सकेगा । इस टीके की लॉन्चिंग बच्चों को मलेरिया से बचाने के लिए शुरू किए गए पायलट प्रोजेक्‍ट का हिस्सा है। इस टीके का नाम RTS,S रखा गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि अफ्रीकी महाद्वीप के दो देशों घाना और केन्‍या में इस टीके की लॉन्चिंग अगले कुछ हफ्तों में होगी। दुनिया की इस घातक बीमारी से हर मिनट में दो बच्‍चों की मौत हो जाती है। 30 साल का प्रयास हुआ कामियाब मिल गई मलेरिया से निजात

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