Makar sankranti 2021: आज है मकर संक्रांति, जानिए पूजन विधि, मंत्र और शुभ मुहूर्त
हिंदू धर्म में मकर संक्रांति के पर्व को विशेष माना जाता हैं इस दिन को पवित्र और पुण्यदायी तिथि भी कहा जाता हैं पंचांग के मुताबिक पौष मास में जब मकर राशि में सूर्य प्रवेश करता हैं तब मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता हैं यह त्योहार 14 जनवरी यानी की आज देशभर में मनाया जा रहा हैं मान्यता है कि इसी दिन सूर्य देवता अपने पुत्र शनि से मिलने आते हैं इसके चलते भी यह पर्व खास हो जाता हैं कुछ ऐसी मान्यताएं है कि इसी दिन शुक्र का उदय होता है और इसी दिन से शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती हैं। तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं मकर संक्रांति का पुण्य काल, पूजा विधि, मंत्र जाप और मुहूर्त, तो आइए जानते हैं।
14 जनवरी को मकर संक्रांति का पुण्य काल सुबह 8 बजकर 30 मिनट से शाम को 5 बजकर 46 मिनट तक हैं मकर संक्रांति का महापुण्य काल 1 घंटा 45 मिनट का है जो सुबह 8 बजकर 30 मिनट से दिन में 10 बजकर 15 मिनट तक हैं।
इस दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए। फिर नित्यकर्मों से निवृत्त हो जाएं। नहाने के पानी में तिल मिलाएं और उसी से नहाएं। इस दिन आपको वस्त्र पहनने चाहिए। फिर दाहिने हाथ में जल ले और पूरे दिन बिना नमक खाए व्रत करने का संकल्प करें। इस दिन आपको अपनी इच्छा अनुसार दान करने का संकल्प लेना चाहिए। इसके बाद सूर्य भगवान को तांबे के लोटे में जल लेकर शुद्ध जल अर्पित करें। इस जल में लाल पुष्प, लाल चंदन, तिल और थोड़ा सा गुड़ मिला लें। जो जल आप सूर्य देव को अर्पित कर रहे हैं उसे तांबे के बर्तन में ही गिराएं। जो जल इस बर्तन में इक्ट्ठा हो उस जल को मदार के पौधे में डाल दें।
जल चढ़ाते वक्त बोलें ये सूर्य मंत्र—
सूर्य को जल चढ़ाते हुए इस मंत्र का करें जाप। मंत्र: ऊं घृणि सूर्यआदित्याय नम:
सूर्य पूजा में पढ़ें ये मंत्र—
ऊं सूर्याय नम:
ऊं आदित्याय नम:
ऊं सप्तार्चिषे नम:
ऊं सवित्रे नम: ,
ऊं मार्तण्डाय नम: ,
ऊं विष्णवे नम:
ऊं भास्कराय नम:
ऊं भानवे नम:
ऊं मरिचये नम: